फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
 

दोस्तों, अगर आप गौर से देखेंगे तो पाएँगे समान योग्यता, परिस्थितियाँ होने के बाद भी कुछ लोग अधिक सफल हो जाते हैं, अपने समकक्षों के मुक़ाबले अधिक पैसा, पदोन्नति पाते हैं। यही लोग बेहतर रिश्ते निभाते है, स्वस्थ रहते हुए, लम्बे समय तक जीते हैं। यक़ीन मानिएगा साथियों! हताशा और निराशा के साथ खुद से नाखुश रहते हुए जीवन काटने से कहीं आसान सफलताएँ पाना है। जी हाँ, जीवन में सफल, खुश, मस्त रहना या जीवन में हर पल आगे बढ़ना वाक़ई बहुत आसान है। फिर भले ही आप किसी भी पद, क्षेत्र या स्तर पर काम कर रहे हों। अगर आप सफल लोगों को देखेंगे तो पाएँगे कि वे सभी समय के बहुत अच्छे प्रबंधक हैं। वे जानते हैं कि समय प्रबंधन ही जीवन प्रबंधन है, व्यक्तिगत प्रबंधन है।

आत्मकथाओं को पढ़ने का मेरा व्यक्तिगत अनुभव बताता है कि जो भी व्यक्ति संगठित, अपने क्षेत्र में कुशल और मूल्यवान रहा है, उसने अपने समय का उपयोग बहुत अच्छी तरह से किया है। कल हमने अपने जीवन को बेहतर बनाने, उसमें बड़ा व सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समय प्रबंधन करने के लिए आवश्यक 15 सरल सूत्रों में से प्रथम 4 सूत्र सीखे थे, आईए अगले 4 सूत्र सीखने से पूर्व उन्हें संक्षेप में दोहरा लेते हैं-॰

1) याद रखें अगर हमारे पास किसी चीज़ की सबसे ज़्यादा कमी है तो वह है समय
जीवन को पूर्णता के स्तर तक जीने के लिए ईश्वर ने हम सभी को सीमित समय दिया है और वह कितना है, हममें से किसी को भी पता नहीं है। इसीलिए ईश्वर द्वारा उपहार स्वरूप दिए गए हर दिन अर्थात् 1440 मिनिट को सर्वोत्तम तरीके से प्रयोग करें।

2) अपने सबसे महत्वपूर्ण कार्य को पहचानें और उसे पहले करें
जो कार्य पहले सामने आ जाता है उसे करने के स्थान पर, ज़रूरी और महत्वपूर्ण कार्यों को पहचानकर, प्राथमिकताओं के आधार पर पूरा करना आपको जीवन में आगे बढ़ने, अपने समय का बेहतर उपयोग करने में मदद करता है।

3) अपने कैलेंडर से काम करें न कि ‘टू डू लिस्ट’ से
एक रिसर्च बताती है कि ‘टू डू लिस्ट’ में रखे गए 41% कार्य हमेशा अपूर्ण रह जाते है, हम कभी उन पर फ़ोकस नहीं कर पाते हैं। इसलिए ‘टू डू लिस्ट’ बनाकर कार्य करने के स्थान पर कैलेंडर के अनुसार कार्य करें। जब भी आपके पास कोई कार्य आए, उसे पूर्ण करने की तारीख़ और उसमें लगने वाले समय को तय कर, उसे कैलेंडर में उस तारीख़ पर लिख दें। अब प्रतिदिन अपना कैलेंडर देखें और उसमें लिखे कार्य को उसी दिन पूर्ण करने का प्रयास करें।

4) प्रोकास्टिनेशन और शिथिलता को दूर करने के लिए, अपने कार्य ना करने के कारणों को पहले ही दूर करें
अक्सर हम कोई ना कोई बहाना बनाकर किए जाने वाले कार्यों को टाल देते हैं। इसलिए अब जब भी आप किसी कार्य को करने का निर्णय लें, सबसे पहले उस कार्य को ना करने के या टालने के सभी कारणों को सोच लें और उससे बचने की योजना बना लें और उस योजनानुसार कार्य करें। इस तरह आप कार्य के टालने की सम्भावना को पहले ही दूर कर देंगे।

चलिए दोस्तों अब हम समय प्रबंधन के लिए आवश्यक अगली 4 बातें सीखते हैं-

5) करने के लिए हमेशा कुछ और होगा
याद रखिएगा दोस्तों, आप किसी भी क्षेत्र में, किसी भी स्तर या पद पर, योजनाबद्ध तरीके से, कितने भी घंटे कार्य क्यों ना कर रहे हों हमेशा कुछ ना कुछ कार्य आपकी कार्यों की सूची में बचे रहेंगे। अगर आप अपने बचे हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिए प्रयासरत रहेंगे, तो आप अन्य क्षेत्रों जैसे परिवार, समाज यहाँ तक कि खुद के लिए भी बराबर समय नहीं निकाल पाएँगे। कार्यों को खत्म करने के लिए कार्य करने के स्थान पर, समय तय करके कार्य करना प्रारम्भ कीजिए, ऐसा करना आपको जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन बनाने में मदद करेगा।

6) हमेशा एक नोटबुक रखें
अक्सर दोस्तों हम हर चीज़ को याद रखने का प्रयास करते हैं, फिर वह चाहे हिसाब हो या बाज़ार से लाने वाला सामान या फिर कार्यों की सूची। हर चीज़ को याद रखने का प्रयास हमारे दिमाग़ पर अतिरिक्त दबाव बनाता है। इसके स्थान पर एक छोटा पैड या डायरी हमेशा अपने साथ रखें और जब भी कोई भी ऐसा कार्य आए उसे लिख लें और ज़रूरत पढ़ने पर उसमें देख कर ही उसे पूरा करें। हमारा मन जानकारी रखने के लिए नहीं बल्कि सर्वोत्तम विचारों को संसाधित करने के लिए है।

7) डिजिटल डिटॉक्स करें
हाल ही में की गई एक रिसर्च के आँकड़े बताते हैं कि 16 से 24 साल के युवा प्रतिदिन 3 घंटे सोशल मीडिया पर बिताते हैं। इसी तरह इंटरनेट प्रयोग करने का हमारा औसत 2021 तक 2 घंटे 22 मिनिट प्रतिदिन है। दोस्तों अगर इस समय को दूसरी नज़र से देखा जाए तो एक वयस्क व्यक्ति अपने जीवन के 6 वर्ष 8 माह सोशल मीडिया पर बिता देता है।

निश्चित तौर पर साथियों, यह समय बहुत अधिक है और निश्चित तौर पर जीवन की दूसरी प्राथमिकताओं को प्रभावित करता है। इससे बचने के लिए हमें सप्ताह में एक दिन डिजिटल डिटॉक्स का पालन करना चाहिए या प्रतिदिन ईमेल, सोशल मीडिया पर बिताने वाले समय को फ़िक्स कर देना चाहिए।

8) अंतिम उपाय के रूप में बैठकों का समय निर्धारित करें और उसमें भाग लें
हाल ही में की गई एक रिसर्च बताती है कि इंटरनेट के समान ही हम अपने कामकाजी समय का बड़ा हिस्सा विभिन्न प्रकार की मीटिंगों में बर्बाद कर देते हैं। लम्बी, उबाऊ और नतीजा ना देने वाली मीटिंगों में लगें वाले समय को सीखने या सिखाने, काउन्सलिंग या प्लानिंग करने जैसे उत्पादक कार्यों में लगाना ज़्यादा फ़ायदेमंद है।

आज के लिए इतना ही दोस्तों, कल हम समय प्रबंधन करने के लिए ज़रूरी अगली चार बातें सीखेंगे।

-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर   
dreamsachieverspune@gmail.com