उमरिया ।   चंदिया में ट्रेनों के स्टॉपेज को लेकर रेलवे ट्रैक पर संघर्ष समिति द्वारा रेल रोको आंदोलन की चेतावनी को देखते हुए रेलवे स्टेशन के हर हिस्से में पुलिस बल और आरपीएफ के बल तैनात कर दिया गया है। रेलवे स्टेशन पुलिस छावनी में बदल गई है। प्लेटफार्म नंबर 1, 2 और 3 के अलावा दोनों दिशाओं में लगभग डेढ़ किलोमीटर तक आरपीएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए सीनियर डीएससी दिनेश सिंह तोमर और एसी विवेक शर्मा ने बताया कि वह आंदोलनकारियों के हर एक्शन के लिए तैयार हैं। आरपीएफ के जवानों को यह हिदायत दे दी गई है कि अगर लाठी चार्ज होता है तो किसी तरह की कोई कोताही न बरती जाए और खुलकर लाठीचार्ज किया जाए। वहीं दूसरी तरफ चंदिया में रेल रोको आंदोलन के लिए गढ़ीचौक से आंदोलनकारी रेलवे स्टेशन के लिए कूच कर गए हैं। रैली में लगभग 15000 लोग शामिल हुए हैं। यह 80 गांव के लोग हैं जो चंदिया रेलवे स्टेशन में उन ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग कर रहे हैं, जिनका स्टॉपेज पहले था, लेकिन कोरोना काल के बाद जिसे बंद कर दिया गया।

निर्णायक दिन

जिले के चंदिया में चल रहे रेलों के स्टॉपेज को लेकर आंदोलन का मंगलवार को निर्णायक दिन है। संघर्ष समिति ने 5 सितंबर से क्रमिक अनशन प्रारंभ किया था और 20 सितंबर को रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी थी। रेलवे के अधिकारियों ने अभी तक कोई मांग पूरी नहीं की जिसके कारण क्षेत्रीय संघर्ष समिति को रेल रोको आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ रहा है। हालांकि क्षेत्रीय संघर्ष समिति ने अभी भी 12:00 बजे तक का समय रेलवे के अधिकारियों को दिया है कि वे आकर इस मामले में चर्चा करें और अपनी बातें रखें। क्षेत्रीय संघर्ष समिति ने खुला ऐलान किया है कि अगर 12:00 बजे तक रेलवे के अधिकारी नहीं आते हैं तो ट्रैक पर उतर कर रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।

पूरा नगर बंद

चंदिया नगर का बाजार पूरी तरह से बंद है। नगर का चप्पा चप्पा सन्नाटे में डूबा हुआ है। नगर के लोग छोटे-छोटे समूह में दुकानों के सामने लोग बैठे हुए हैं। संभवत यह आंदोलनकारियों की रणनीति का हिस्सा है कि एक साथ आंदोलन स्थल पर न पहुंचा जाए। नगर के गढ़ी चौक में आंदोलनकारियों का एक जत्था नगर के लोगों का आह्वान कर रहा है कि वह इस आंदोलन में हिस्सा लें। नगर में सभी दुकाने बंद है और चाय पान तक के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।

घरों में बने 20 हजार भोजन के पैकेट

इस आंदोलन से नगर का हर घर जुड़ गया है। दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था नगर के लोगों ने अपने अपने घरों में की है। हर घर से भोजन के पैकेट तैयार करके आंदोलनकारियों के लिए भेजे जा रहे हैं। आंदोलनकारियों नेतृत्व कर रहे मिथलेश पयासी ने बताया कि नगर के हर घर से भोजन के पैकेट आ रहे हैं। कहीं से 10 पैकेट तो कहीं से 50 पैकेट और कोई 100 पैकेट भी दे रहा है। इस तरह लगभग 20000 भोजन के पैकेट एकत्र होने का अनुमान है।