भोपाल । पूज्य सिंधी समाज के मंदिरों में पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ पिछले 400 सालों से हो रहा था। सिंधी समुदाय के लोग इस ग्रंथ का बड़ी श्रद्धा के साथ पाठ करते थे। 
 कुछ माह पूर्व इंदौर में हथियारबंद निहंग सिख पहुंचे थे। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहब के पाठ को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। निहंग सिख कई सिंधी मंदिरों में जबरिया घुसकर गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी का आरोप लगा रहे थे। गुरु ग्रन्थ साहिब की मर्यादा और मंदिरों से देवी-देवताओं की मूर्तियां हटाने का आदेश निहंग सिख दे रहे थे। 
 इसके बाद अखिल भारतीय सिंधी संत सम्मेलन,जो अमरावती में हुआ था। उसमें निर्णय लिया गया, अब गुरु ग्रंथ साहब की तर्ज पर सिंधी समाज सनातनी आदि ग्रंथ की रचना करेगा। 
 अमरावती सम्मेलन से लौटने के बाद समाज के महंत तुलसीदास उदासी जी ने कहा, सिंधी समाज ने अपनी पूजा पद्धति बदलने का फैसला लिया है। लगभग 400 साल के बाद सिंधी मंदिरों से गुरु ग्रंथ साहब को पास के गुरुद्वारों में श्रद्धा के साथ सौंपने की प्रक्रिया भी की गई है।