भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में शराब और खनन माफिया बेखौफ हैं। भरतपुर में खनन के विरोध में साधु विजय दास के आत्मदाह करने की घटना अभी शांत भी नहीं हुई कि अब शराब माफियाओं ने एक साधु के पैर तोड़ देये हैं। पीड़ित साधु का कहना है उसने अवैध शराब की बिक्री का विरोध किया था। इससे गुस्साये शराब माफियाओं ने उसके साथ जमकर मारपीट की और पैर तोड़ दिये। घायल साधु को जिला मुख्यालय के आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां उनका इलाज चल रहा है। इसबीच कार्रवाई नहीं होने से आहत घायल साधु ने भी अब आत्मदाह की चेतावनी दी है। जानकारी के अनुसार मामला भरतपुर जिले के हलैना थाना इलाके का है। वहां के धरसोनी गांव में शराब माफियाओं ने साधु राजेन्द्र दास पर हमला कर दिया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गये। अस्पताल में भर्ती साधु राजेन्द्र दास ने बताया कि उसने धरसोनी गांव में बिक रही अवैध शराब का विरोध किया था। इससे शराब माफिया बौखला गए और उन्होंने उन पर बीते 23 जुलाई की शाम को हमला कर दिया। राजेन्द्र दास ने बताया कि वे उस दिन सत्संग सुनने जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में शराब माफियाओं ने उस पर लाठी-डंडे और सरियों से हमला कर दिया। माफिया ने उससे जमकर मारपीट की फरार हो गये। उसके बाद ग्रामीणों ने उनको आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया। राजेन्द्र दास ने बताया कि गांव में बड़े स्तर पर अवैध शराब बेची जाती है। वे लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। क्योंकि पास में ही बाबा बालकनाथ की बगीची में मंदिर है। राजेन्द्र दास का आरोप है कि उसने कई बार पुलिस से भी इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वारदात के बाद राजेन्द्र दास के भाई ने हलैना थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। अभी तक इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे आहत हुये साधु राजेन्द्र दास ने भी संत विजय दास की तरह आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। वारदात के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भी आक्रोश व्याप्त है।