नई दिल्ली| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत लोन आधारित ऐप घोटाले की जांच के तहत कुछ चीन-नियंत्रित संस्थाओं की तलाशी ली और 9.82 करोड़ रुपये जब्त किए। सूत्रों के मुताबिक, ये अकाउंट कॉमिन नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मोबिक्रेड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मैजिक डेटा टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, बैतू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, अलीये नेटवर्क टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, वीकैश टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, लाटिर्ंग प्राइवेट लिमिटेड, मैजिक बर्ड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और ऐसपर्ल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के हैं।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई संस्थाओं द्वारा ऐप-आधारित टोकन 'एचपीजेड' और इसी तरह के अन्य दुरुपयोग से संबंधित जांच के संबंध में कार्रवाई की गई थी।

ईडी ने कोहिमा में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा एचपीजेड टोकन और अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।

अधिकारी ने कहा, एचपीजेड टोकन एक 'ऐप-आधारित टोकन' है, जिसमें उपयोगकर्ताओं से 'बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई बड़े लाभ का वादा किया गया था। इसमें सबसे पहले यूजर्स को अपनी कंपनियों में निवेश करने के लिए कहा जाता था।

ईडी को जांच में पता चला कि विभिन्न एनबीएफसी के साथ सेवा समझौतों में विभिन्न चीनी नियंत्रित संस्थाएं कई संदिग्ध लोन ऐप संचालित कर रहे थी और इन ऐप के संचालन के बहाने जनता से अवैध तरीके से धन प्राप्त कर रही थी।

इससे पहले, ईडी ने 14 सितंबर को तलाशी के दौरान बैंक/वर्चुअल खाते में 46.67 करोड़ रुपये की शेष राशि को फ्रीज कर दिया था। जिसके चलते इस मामले में अब तक कुल 56.49 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए है।