राजस्थान| राजस्थान विधानसभा चुनाव बीजेपी खास रणनीति के तहत आठ हजार 'नमो स्वयंसेवकों' को फील्ड में भेजेगी। एक से 13 अप्रैल तक ये बूथ और शक्ति केंद्रों पर फोकस रखकर पार्टी संगठन की मजबूती के लिए काम करेंगे और ग्राउंड रिपोर्ट पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को सौंपेंगे।

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने आठ हज़ार अल्पकालीन विस्तारकों को नमो स्वयंसेवक के तौर पर राजस्थान की चुनावी तैयारी के लिए फील्ड में जाने का टास्क दिया है। ये 11 लाख पन्ना प्रमुखों से लेकर 52 हजार बूथों के लिए काम कर रही टीम से समन्वय करेंगे। जैसा ही नाम से स्पष्ट है नमो यानी नरेंद्र मोदी के नाम का प्रचार और पार्टी के स्वयंसेवक के तौर पर ये काम करेंगे। पार्टी इन्हें वेरिफाई कर आईडी कार्ड देकर 200 विधानसभा क्षेत्रों में भेजेगी।

छह अप्रैल को बीजेपी स्थापना दिवस पर होगा 'कमलोत्सव'

प्रदेश में बीजेपी के कुल आठ हज़ार 392 शक्ति केंद्र हैं। इन्हीं केंद्रों को ध्यान में रखकर विस्तारकों को पहले चरण में एक से 13 अप्रैल तक मैदान में उतारा जाएगा। 6 अप्रैल को बीजेपी पार्टी के स्थापना दिवस के तहत इसे 'कमलोत्सव' नाम दिया है। सभी बूथ कमेटियों को भी 6 अप्रैल को सभी बूथों पर झंडा लगाने के निर्देश दिए गए हैं। पार्टी ने पूरे अभियान को मॉनिटर करने और कामकाज को बारीकी से देखने के लिए 100 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं-नेताओं को दायित्व सौंपा है। सभी 33 जिलों से जुड़े सीनियर नेताओं को यह दायित्व दिया गया है।

पीएम फेस और मोदी सरकार की योजनाओं का प्रचार

राजस्थान में बीजेपी सीएम फेस घोषित करने से बच रही है। पार्टी ने विधानसभा चुनाव तक सीएम का चेहरा घोषित नहीं करने का फैसला लिया है। बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे, अपने संगठन के दम, केंद्र सरकार की जनहित की योजनाओं, उपलब्धियों और बड़े लाभार्थी वर्ग के ज़रिए चुनाव में उतरने की प्लानिंग में जुटी है। सभी नमो स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं को केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं और पीएम मोदी के देशहित में लिए गए निर्णयों, बदलावों का प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है। खास बात यह है कि नेताओं के प्रवास और दौरे भी अब तय किए जाएंगे, जिनमें सांसद, विधायक से लेकर प्रदेशाध्यक्ष और संगठन पदाधिकारी सभी ग्रामीण, आदिवासी क्षेत्रों और फील्ड के दौरों पर रहेंगे।