नई दिल्ली । देश में सर्वाइकल कैंसर और टाइफाइड की वैक्सीन जल्दी ही उपलब्ध हो सकती है। सरकार के सलाहकार समूह एनटीएजीआई ने इनके टीकों से जुड़े आंकड़ों की जांच पड़ताल के बाद इनका वैक्सीनेशन शुरू किए जाने की सिफारिश की है, सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ ये देश की पहली वैक्सीन होगी। सर्वाइकल कैंसर भारत में 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। ऐसे में यह वैक्सीन बहुत मददगार साबित हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के एक एचपीवी कार्य समूह ने 8 जून को अपनी बैठक में टीके की उपयोगिता की पड़ताल की थी। इस दौरान राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के मकसद से इन टीकों के क्लिनिकल परीक्षण के आंकड़ों का आंकलन किया गया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने इसके बाद 15 जून को टीके की मार्केटिंग की मंजूरी देने की सिफारिश की। हालांकि ड्रग कंट्रोलर डीसीजीआई की मंजूरी का अभी इंतजार है।
सूत्रों ने बताया कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सरकार एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारत के औषधि महानियंत्रक को इस वैक्सीन की मंजूरी के लिए आवेदन दिया है। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से चरण 2/3 क्लिनिकल परीक्षण पूरा होने के बाद देश में इसकी शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बाजार में उतारने की मंजूरी मांगी है।
आवेदन में बताया गया है कि सीईआरवीएवीएसी नाम की इस वैक्सीन से एंटीबॉडी की अच्छी प्रतिक्रिया दिखी है जो बाकी एचपीवी टाइप की वैक्सीन के मुकाबले 1,000 गुना अधिक असरदार है। परीक्षण के दौरान सभी उम्र को लोगों और समूहों पर इसका अच्छा असर देखा गया है। आवेदन में बताया गया गया है कि हर साल लाखों महिलाएं सर्वाइकल और अन्य कैंसर का शिकार होती हैं। इस बीमारी में मौत का अनुपात बहुत ज्यादा होता है।