भोपाल ।   केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे ने छिंदवाड़ा का सियासी रंग बदल दिया है। भगवा को लेकर कांग्रेस का अंकुश सिमटने लगा है। हिंदुत्व के जवाब में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ साफ्ट हिंदुत्व की धार तेज कर रहे हैं। वह पहले भी साफ्ट हिंदुत्व को आगे बढ़ाते रहे हैं। उनके पुत्र व सांसद नकुल नाथ रामनवमी पर निकाली गई शोभायात्रा में भगवा अंगवस्त्र के साथ शामिल हुए और राम धुन पर जमकर नृत्य भी किया। इसमें कांग्रेस कार्यकर्ता भगवा ध्वज लेकर शामिल हुए। आदिवासी समुदाय को हिंदुत्व के रास्ते जोड़ने के भाजपा के प्रयासों की प्रतिक्रिया छिंदवाड़ा में भगवा रंग और गहरा कर सकती है।

चुनाव के धार्मिक ध्रुवीकरण के तमाम आरोपों के बीच भाजपा इसे अपनी रणनीति का हिस्सा बनाती रही है। हिंदुत्व के साथ आदिवासी समुदाय को भी जोड़ने की प्रभावी जमीनी पहल पार्टी ने मध्य प्रदेश में की है। इसका लाभ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर मिलने की पार्टी ने प्रबल संभावना जताई है, जहां 35 प्रतिशत से अधिक आदिवासी मतदाता हैं। लोकसभा चुनाव के एक साल पहले ही अमित शाह ने यहां महाविजय उद्घोष जनसभा में सवालों के बौछार कर न केवल कमल नाथ को घेरा, बल्कि आदिवासी व गरीब कल्याण की योजनाओं को बंद करने के तत्कालीन कमल नाथ सरकार के फैसलों को रेखांकित किया। मध्य प्रदेश में कमल नाथ कांग्रेस के अकेले नेता हैं, जो साफ्ट हिंदुत्व पर चलकर हनुमान चालीसा का पाठ और कांग्रेस कार्यालयों में धार्मिक अनुष्ठान करवाने में पीछे नहीं रहते। उन्होंने छिंदवाड़ा का अपना गढ़ बचाने के लिए साफ्ट हिंदुत्व पर हाथ खोलने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश कांग्रेस में कमल नाथ ही हैं, जो हिंदुत्व की तरफ सहजता से रूझान कर लेते हैं। याद होगा कि 2018 में राहुल गांधी ने चित्रकूट में भगवान कामतानाथ के दर्शन किए तो उन्हें रामभक्त बताते हुए पूरे प्रदेश में होर्डिंग्स लगाए गए थे। उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन किए तो उन्हें सबसे बड़ा शिवभक्त बताया गया था। समय-समय पर कांग्रेस रामनवमी पर सुंदरकांड और हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा का पाठ करने का निर्देश भी पार्टी कार्यकर्ताओं को देती है। कांग्रेस कार्यालय में गणेशोत्सव भी मनाया जाता रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अब छिंदवाड़ा में भगवा रंग और गहरा दिखाई देगा।

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर सीधी टक्कर

पिछले पांच लोकसभा चुनावों में ही छिंदवाड़ा सीट पर मतदान देखें तो कांग्रेस की लगातार जीत के बावजूद अंतर कम होता जा रहा है। इनमें से चार कमल नाथ तो एक चुनाव नकुल नाथ ने जीता है। 2024 में भाजपा आदिवासी समुदाय को जोड़ते हुए हिंदुत्व का मुद्दा लेकर मैदान में उतरेगी।

वोट शेयर से इसे ऐसे समझें——

वर्ष——— कांग्रेस——— भाजपा——— अंतर

2019——47.8 —— 44.8 ——3

2014 —— 51.7 —— 41 —— 10.7

2009 —— 49.4 —— 34.8 —— 14.6

2004 —— 40.9 ——— 32.5 —— 8.4

1999 —— 64 ——33.8 —— 30.2

(आंकड़े प्रतिशत में)

इनका कहना है

धर्म हमारे लिए आस्था का विषय है। पहले भी हम ऐसे धार्मिक आयोजन में शामिल होते रहे हैं। धर्म- आस्था के विषय को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।

नकुल नाथ, सांसद- छिंदवाड़ा मप्र