पाली। मारवाड़ इलाके के पाली जिले में जाट समाज पांच खेड़ा की बैठक में शादी समारोहों में सामाजिक समानता को ध्यान में रखते हुये कई फैसले लिये गये। कालापीपल की ढाणी की इस बैठक में तय किया गया कि अब से शादी ब्याह में फिजूलखर्ची नहीं की जायेगी। इसके लिये समाज की ओर से कुछ नियम तय किये गये हैं। नियमों को उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। इनमें दूल्हे के घोड़ी पर आने पर और डीजे बजाने पर बैन समेत शादी में शराब तथा सिगरेट समेत नशे की सभी चीजों पर पूर्णतया बैन लगाया गया है। वहीं मायरा तथा अन्य कार्यक्रमों के भी नियम तय किये गये हैं।
  जाट समाज पांच खेड़ा की बैठक में तय किया गया कि विवाह समारोह के दौरान डीजे बजाने पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी। शादी के दौरान दूल्हा दाढ़ी नहीं रखेगा। विवाह समारोह अथवा सामाजिक कार्यक्रम में शराब पीने पर पाबंदी रहेगी। शादी में मायरा कार्यक्रम बेहद समिति लेन-देन के साथ होगा। किसी की मृत्यु होने पर की जाने वाली पहरावनी और ओढ़ावनी की रस्म भी नाम मात्र की होगी। समाज के पंचों का मनाना है कि इन कार्यक्रमों में लोग प्रतिस्पर्धा में बढ़ चढ़कर खर्च करते हैं। इसे आर्थिक रूप से संपन्न परिवार तो निभा लेता है, लेकिन गरीब व्यक्ति अनावश्यक ही आर्थिक बोझ के नीचे दब जाता है। लिहाजा कुछ नियमों का पालन किया जायेगा तो समाज में समानता का भाव रहेगा। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले पर आर्थिक जुर्माना लगाया जायेगा।
  शादी में दूल्हे के लिये घोड़ी की अनुमति नहीं देने के पीछे भी तर्क बताया गया है। पाली जिले में अक्सर जाट समाज में कई बार एक ही परिवार में तीन-तीन, चार-चार लड़कियों की शादियां एक साथ होती है। दूल्हे अलग-अलग गांवों से या शहरों से आते हैं। स्थानीय रस्मों के मुताबिक पाली में बारात आने के बाद भी घोड़ी और डीजे लाने की जिम्मेदारी दूल्हे के परिवार की होती है। कई बार सभी दूल्हों के परिजन घोड़ी का इंतजाम नहीं कर पाते हैं। इसके कारण कई दूल्हे अलग-अलग तरीके से दुल्हनों के घर पहुंचते हैं। कई पैदल भी पहुंचते हैं। लिहाजा इस स्थिति से बचने के लिये यह निर्णय किया गया है। एक ही शादी हो और अगर दूल्हे का परिवार सक्षम है तो वह घोड़ी ला सकता है। बैठक में रोहट उपखंड के पिपलिया की ढाणी, भाकरी वाला, माडपुरिया, कालापीपल ढाणी व मंडली दर्जीयान गांवों के जाट समाज के पंच और समाज के लोग एकत्रित हुए थे। समाज के लोगों ने इन नियमों को सर्वसम्मती से लागू करने और इनकी पालना के निर्देश दिए हैं। पांच खेड़ा जाट समाज के निर्णय का पाली जाट समाज ने भी स्वागत किया है।