जब वह चेन्नई सुपर किंग्स के प्री-सीजन कैंप के लिए पहुंचे होंगे, तो शिवम दूबे ने शायद ही सोचा होगा कि वह एमएस धोनी की अगुवाई वाली टीम की पांचवीं जीत के प्रमुख हीरो में से एक होंगे। दुबे ने 16 मैचों में 38.00 की ओसत और 158.33 के स्ट्राइक रेट से 418 रन बनाए है। इसमें 3 अर्धशतक भी शामिल हैं। इसके अलावा वह इस आईपीएल में सबसे ज्यादा 35 छक्के लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं। उनसे पहले लिस्ट में 36 छक्कों के साथ आरसीबी के फाफ डुप्‍लेसी हैं। 

सीएसके को जीत तक पहुंचाया-

रविवार रात नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटंस के खिलाफ फाइनल में धोनी ने एक बार फिर 29 वर्षीय खिलाड़ी इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में शानदार इस्तेमाल किया। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 21 गेंदों में दो छक्कों की मदद से नाबाद 32 रन बनाए। दुबे ने जडेजा के साथ मिलकर सीएसके को 15 ओवरों में 171 रन के मुश्किल लक्ष्य तक पहुंचाया।

रणजी ट्रॉफी में चोट के कारण हुए बाहर-

यह किसी ऐसे व्यक्ति के लिए एक बड़ा बदलाव था, जो हाल ही में कुछ समय के लिए गुमनाम हो गया था। दुबे ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मुंबई की पहली जीत के दौरान 10 मैचों में 62.00 की औसत से 186 रन बनाए। इसके बाद उन्होंने रणजी ट्रॉफी में हाथ की चोट के कारण एक भी ही मैच नहीं खेला।

धोनी को दिया श्रेय-

इस बीच दुबे ने अपनी वापसी का श्रेय धोनी को दिया है। उन्होंने कहा कि धोनी ने मुझ पर यकीन दिखाया और मुझे अपने तरीके से खेलने का मौका दिया। धोनी ने कहा कि मुझे तुम पर भरोसा है और विश्वास है कि तुम अच्छा करोगे। तू अपना गेम खेल बिंदास। आपको अपने रोल के बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। तुम वैसे ही खेलो जैसे खेलना चाहते हो।

खुद पर और अपने साथ पर था यकीन-

रूम में सीएसके का अपने खिलाड़ियों पर यकीन तब सामने आता है जब हम दुबे को क्रीज पर अपने बल्लेबाजी पार्टनर की क्षमता पर विश्वास करते हुए सुनते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे 100% यकीन था कि या तो मैं या जड्डू भाई (रवींद्र जडेजा) खेल को खत्म कर देंगे।