धनारी क्षेत्र के ग्राम किशनपुर श्यामपुर में शुक्रवार को सुबह 11 बजे किसान जमीन से 25 फीट नीचे गढ्ढे में दब गया। बेटे के साथ गहरी कूंइया में ईंट निकालने पहुंचे किसान के साथ यह घटना हुई। बेटे ने गांव वालों और प्रधान को घटना के बारे में बताया तो प्रधान ने प्रशासन को जानकारी दी।

12 बजे तक एसडीएम गुन्नौर और सीओ बहजोई के देखरेख में बचाव कार्य शुरू हुआ। गढ्ढे के बगल की जमीन की बुलडोजर के जरिए खोदाई शुरू कर दी गई है। हालांकि डेढ़ घंटे बाद भी दस फीट तक खोदाई हुई लेकिन अब तक किसान की कोई आहट तक नहीं मिली। मौके पर बचाव दल के साथ ही कई बुलडोजर व अन्य मशीनों के अलावा सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण भी जुटे हैं। एक दिन पहले गुरुवार को भी ढांग में दबकर दो भाइयों की मृत्यु का मामला होने के बाद भी ऐसे प्रकरण लगातार सामने आ रहे हैं।

किशनपुर श्यामपुर गांव निवासी ओमपाल 38 पुत्र बाबूराम अपने बेटे दीपक के साथ बोरिंग के लिए बनाए गए 25 फीट गहरे गढ्ढे में उतर गए। उनकी मंशा बोरिंग के अंदर लगाए गए अपनी ईंटों को निकालकर उसे अन्य उपयोग में लेने का था। जैसे ही वह बोरिंग में नीचे उतरे और एक-एक कर ईंट बाहर देने लगे। रस्सी के जरिए बेटा ईंट खींचने लगा। जब और नीचे तकरीबन 25 फीट की गहराई में उतरे तो अचानक से ऊपर से मिट्टी का पूरा टीला बोरिंग के अंदर गिर गया और वह नीचे ही पूरी तरह से ढक गया। बेटा घबरा गया और उसने गांव में जाकर परिवार के अन्य लोगों व प्रधान को जानकारी दी। प्रधान के जरिए सूचना पाकर स्थानीय पुलिस के साथ ही कुछ समय के अंतराल में एसडीएम, सीओ भी पहुंचे। मौके पर दो बुलडोजर जेसीबी पहुंचा जिसके जरिए बिना समय गंवाए बचाव कार्य शुरू हुआ। बोरिंग के बगल में उसके ही बराबर जमीन के नीचे मिट्टी निकालकर किसान को बाहर निकालने की तरकीब अपनाई गई। हालांकि डेढ घंटे बाद तकरीबन 1.30 बजे तक 10 से 12 फीट ही मिट्टी निकाली जा सकी है। अभी तक वहां पर किसान की कोई भी आहट नहीं सुनाई दे रही है। ऊपर परिवार व अन्य लोग बचने की फरियाद ईश्वर से कर रहे हैं।

बोरिंग में किसान ने 200 से 250 ईंट लगाई थी। यह 25 फीट गहरा था। बगल में उन्होंने खेती के लिए नलकूप कनेक्शन ले लिया है। अब किसान को लगा कि जो ईंटें लगी है उसे निकालकर किसी अन्य उपयोग में ले लेंगे। बस इसी चाहत में वह खतरों से खेल गए।