फिर भी ज़िंदगी हसीन है…


दोस्तों, अक्सर हम सभी ने किसी ना किसी रूप में सकारात्मक जीवन जीने के विषय में ना सिर्फ़ सोचा है, बल्कि उसे जीने का प्रयास भी किया है। सकारात्मकता असल में हमें अपने जीवन को पूर्णता के भाव के साथ, ख़ुशी-ख़ुशी जीने का मौक़ा भी देती है। दोस्तों अगर आप जीवन में अपनी छुपी हुई क्षमताओं को पहचानकर नई सम्भावनाओं पर कार्य करना चाहते हैं, नई ऊँचाइयों को छूना चाहते हैं, तो आपको अपने आत्मसम्मान को उच्चतम स्तर पर रखना होगा, जो आसान नहीं है। आईए, आज हम आत्मसम्मान के उच्चतम स्तर को पाने के लिए आवश्यक आठ प्रमुख सूत्रों को सीखते हैं।

पहला सूत्र - सिर्फ़ जोश से नहीं, होश के साथ जिएँ 
दोस्तों, सामान्यतः हम ज़्यादातर समय या तो अतीत में या फिर भविष्य में रहकर अपना जीवन जीते हैं और दोनों ही अवस्था में पूर्णतः सचेत रहते हुए जीना सम्भव नहीं है। अगर यह मान भी लिया जाए कि हम बचा हुआ थोड़ा बहुत समय वर्तमान में जी रहे हैं तो भी ज़्यादातर समय हम होश में रहते हुए जीने की जगह, उसे जोश के साथ गुज़ार देते हैं। लेकिन दोस्तों, जोश अक्सर होश खो देता है, इसलिए जोश से पहले हमें होश में रहना सीखना होगा। 

जब आप होश में रहते हुए वर्तमान क्षण में, जो हो रहा है उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप अपना सर्वोत्तम देते हुए, सर्वश्रेष्ठ परिणाम पाते हैं और यही आपके आत्मसम्मान में वृद्धि करता है। जी हाँ दोस्तों, आत्मसम्मान, आपके सचेत रूप से जीने और वर्तमान क्षण में जो हो रहा है, उस पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में निहित है, वह भी बिना अतीत पर चिंतन या भविष्य पर विचार किए।

दूसरा सूत्र - खुद को स्वीकारें 
दोस्तों, हम सभी ईश्वर की बनाई अनूठी और असीमित क्षमताओं वाली कृति हैं, जिसे किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए ईश्वर ने अलग तरीक़े से बनाया है। लेकिन कई बार वह उद्देश्य या कारण पता ना होने की वजह से हम उसे अपनी कमियाँ मान लेते हैं। इसके स्थान पर आप जैसे हैं खुद को वैसे ही स्वीकारने पर आप अपने आत्मसम्मान की रक्षा करते हैं। वैसे भी दोस्तों, जो करुणा और दया हम दूसरों के लिए दिखाते हैं, उसके हक़दार हम स्वयं भी तो हैं। इसलिए विशेष परिस्थितियों में खुद को बिना शर्त स्वीकारें और खुद के प्रति करुणा दिखाएँ, विशेषकर जब आपने अनजाने में कोई गलती करी है।

तीसरा सूत्र - ज़िम्मेदारी लें
दोस्तों, जब आप अपने निर्णय, निर्णय के आधार पर किए गए कर्म, उससे मिलने वाले परिणाम और अपने व्यवहार की ज़िम्मेदारी लेते हैं तब आप अपने जीवन की ओनरशिप लेते हैं। इस स्थिति में आप दूसरों को दोष देना और वे हमेशा आपके अनुसार काम करेंगे, आपके कहे अनुसार चलेंगे, सोचना बंद कर देते हैं और अंततः अपने मालिक स्वयं बन जाते हैं। दोस्तों ओनरशिप लेना आपके आत्मसम्मान को बढ़ाता है।

चौथा सूत्र - मुखर रहें और खुद का सम्मान करें 
अपनी आवश्यकताओं, अपनी ज़रूरतों का हर परिस्थिति में उचित तरीके से सम्मान करना महत्वपूर्ण है क्यूँकि जब आप ज़्यादातर समय दूसरों के अनुसार जीते हैं और खुद की ज़रूरतों से समझौता करते है, तब आप अपने आत्मसम्मान को नीचे गिराते हैं। इसके स्थान पर खुद को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे पहले रखना आत्मसम्मान को बढ़ाता है।

पाँचवाँ सूत्र - सशक्त व्यवहार करें 
जीवन में निर्णय लेने, संवाद करने और ऐक्शन लेने से पूर्व अच्छे से सोचें, विचार करें। लेकिन जब आप अच्छे से विचार करने के  बाद निर्णय ले लें तो उस निर्णय के अनुसार सशक्त व्यवहार करें। सशक्त व्यवहार करना आप को खुद की नज़रों में ऊपर उठाकर या बेहतर बनाकर, आत्मसम्मान में वृद्धि करता है।

छठा सूत्र - अपनी सीमाएँ पहचाने और ‘ना’ कहना सीखें
हर क्षेत्र में अपनी सीमाएँ पता होना बहुत आवश्यक है। सीमाओं को जानना, निर्णय लेने की प्रक्रिया को आसान बना देता है। सीमाओं को जानने के बाद निर्णय लेने, उस निर्णय पर चलने, उसके अनुसार खुद को व्यक्त करने का साहस विकसित करें। 

सातवाँ सूत्र - लक्ष्य या उद्देश्य के अनुसार जिएँ 
उद्देश्यपूर्ण तरीक़े से जीना, आपको अपनी अहमियत, अपनी क़ीमत का एहसास करवाता है। इसलिए लक्ष्य बनाकर, उसे पाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से जीवन जीना, आपको प्रेरित रखता है और लक्ष्यों को पाना आत्मसम्मान बढ़ाता है।

आठवाँ सूत्र - ईमानदार रहें 
ईमानदारी से अपने मूल्यों के अनुसार जीवन जीना, आपको अपराध बोध से मुक्त रख, सत्य निष्ठा के साथ जीवन जीने में मदद करता है। सत्य निष्ठा के साथ जिया गया जीवन प्रमाणिक होकर आत्मसम्मान बढ़ाता है।

याद रखिएगा दोस्तों, आत्मसम्मान की कमी हमारी मानसिकता को प्रभावित करती है, हमें खुद को बदलने, बड़े निर्णय लेने से रोकती है। लेकिन उपरोक्त सूत्रों के साथ-साथ पूर्व में बताए गए सकारात्मक जीवन जीने के तरीक़ों के आधार पर जीवन जीना, हमारे जीवन में आशा जगाता है। जी हाँ दोस्तों,  खुद को अधिक सकारात्मक रोशनी में देखना, उसके अनुसार जीना,  आपके जीवन को बेहतर बना सकता हैं।

-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर 
dreamsachieverspune@gmail.com