जयपुर| जयपुर 27 मार्च को सुबह 11 बजे आईएमए हॉल से रैली शुरू होकर पांच बत्ती होते हुए रामनिवास बाग के अल्बर्ट हॉल पर समाप्त होगी, जहां एक सभा भी प्रस्तावित है।

नो टू राइट टू हेल्थ संघर्ष समिति के बैनर तले आज सुबह 11 बजे से पूरे प्रदेश से 50 हजार डॉक्टर्स जयपुर में एकत्र होकर बिल का विरोध करेंगे। समिति के डॉ. एसएम बजिया के अनुसार बिल के विरोध में डॉक्टर्स एकत्र हो रहे हैं। डॉ. बजिया ने कहा कि आज निजी अस्पताल के डॉक्टर को प्रदेश में खलनायक बना रखा है, जबकि प्रदेश की चिरंजीवी योजना की सफलता निजी अस्पतालों के योगदान के बिना संभव नहीं थी। डॉक्टर्स ने हर मुश्किल समय में आम आदमी और सरकार दोनों का समर्थन और सहयोग किया है।

डॉ. बजिया ने कहा कि आम आदमियों के मुश्किल के समय में रात और दिन देखे बिना डॉक्टर्स अपनी सेवा देते हैं। कोरोना काल में डॉक्टर्स ने अपनी जान देकर भी अपने मरीजों की जान को बचाने का काम किया है। जिस योजना ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दी है वो निजी क्षेत्र के डॉक्टर्स की रात दिन की मेहनत का फल है, जिसको आज प्रदेश के मुखिया भूल चुके हैं।

हमको पैसे नहीं चाहिए

हमको पैसे नहीं चाहिए। हम सेवा के काम में हैं। हमको हमरा काम करने दें बिना किसी दखलअंदाजी के। नहीं तो इस बिल से प्रदेश का पूरा चिकित्सा सिस्टम ध्वस्त हो जाएगा। हम डॉक्टर हैं, हमें बिना किसी व्यवधान के काम करने दिया जाए। हमने अपने परिवार को समय न देकर अपने मरीजों को समय दिया। हमने इलाज करते समय नहीं सोचा कि मरीज़ पैसे देगा या नहीं। हमरा पहला ध्यान मरीजों की सेहत है, हमने हमेशा सरकार का साथ दिया है। अब सरकार राजस्थान की चिकित्सीय व्यवस्था को ध्वस्त होने से बचाने के लिए इस बिल को तुरंत वापस लेकर आम जनता के साथ चिकित्सकों के लिए प्रदेश में एक बेहतरीन माहौल प्रदान करे, जिससे प्रदेश के हर व्यक्ति सेहतमंद रहे, और जिस प्रकार प्रदेश की हर मुश्किल समय मैं डॉक्टर्स ने सेवा की है वो जारी रहेगी और राजस्थान चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे आगे रहेगा। परंतु बिल वापसी के बिना कोई हल नहीं निकल सकता है, हड़ताल जारी ही रहेगी।