वाराणसी । सावन के पहले सोमवार को सुबह से ही देशभर के शिव मंदिरों में पूजा के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। कावड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है। हर तरफ बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। वाराणसी के काशी विश्वनाथ दरबार में भक्त अब सीधे गंगा घाट से गंगाजल लेकर बाबा विश्वानथ को जलाभिषेक कर रहे हैं।
यह पहला मौका है, जब सावन के पावन माह के सोमवार के दिन बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में भक्त सीधे गंगा घाट से गंगाजल लेकर जलाभिषेक को जा रहे थे। देर रात से ही भक्त आज अपने आराध्य काशी विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए कतार में लगे रहे। हाथों में गंगाजल पात्रों में लिए भक्त बोल बम और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ काशी विश्वनाथ के दरबार में आगे बढ़ते देखे गए।
इस दौरान पूरा वातावरण शिवमय हो गया। पहली बार बगैर किसी अवरोध या बाधा के गंगा घाट से गंगाजल लेकर काशी विश्वनाथ को अर्पित कर सके। विश्वनाथ कॉरिडोर या विश्वनाथ धाम बन जाने के बाद सावन के माह में यह पहला अवसर था, जब भक्त सीधे गंगा तट पर बने गंगाद्वार से होते हुए जल लेकर बाबा का जलाभिषेक करने विश्वनाथ मंदिर आ रहे हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए है। मंदिर में आसानी से प्रवेश के लिए सभी रास्तों पर सुगम व्यवस्था की गई है। इस बार श्रद्धालुओं को नया अनुभव यह होगा कि गंगा द्वार से गंगाजल लेते हुए श्रद्धालु सीधे मंदिर में पहुंचकर बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे।
इसके अलावा मंदिर चौक में ही बड़े पंडाल से श्रद्धालुओं का धूप और बारिश से बचाव भी हो सकेगा। साथ ही मैट, कैनोपी, पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। मैदागिन से गोदौलिया वाले मार्ग पर दिव्यांग या अशक्त श्रद्धालुओं के लिए ई-रिक्शा की भी व्यवस्था रहेगी। गत वर्ष की तुलना में ज्यादा सुविधा इस बार श्रद्धालु को मिलेगी।
इस बार पीए सिस्टम पर विभिन्न भाषाओं में उद्घोषणाएं भी होगी। रेड कार्पेट, मेडिकल और परंपरागत टीवी के अलावा 12 बड़ी एलईडी टीवी भी लग रही है, जिसपर श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का सजीव दर्शन कर सकेंगे, सभी परंपरागत मार्गों से एंट्री और एग्जिट मंदिर में रहेगा, इसके साथ ही एक नया मार्ग गंगा द्वार से भी श्रद्धालु सीधे गंगाजल लेकर मंदिर में आ सकेंगे।
सुनील वर्मा ने आगे सावन के पहले सोमवार पर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ की संख्या के बारे में बताया कि इस विश्वनाथ धाम के लोकार्पण और कावड़ यात्रा के भी शुरू हो जाने के चलते 3-5 लाख श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आएंगे, जबकि आम दिनों में एक से डेढ लाख श्रद्धालु आते हैं।