Health Tips : देश के ज्यादातर हिस्सों में सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। ठंड का यह मौसम कई लोगों का सबसे पसंदीदा होता है पर इस मौसम में सेहत का विशेष ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। विशेष रूप से जिन लोगों को पहले से ही स्वास्थ्य समस्याएं हैं उन्हें विशेष बचाव करते रहने की आवश्यकता होती है। इस मौसम में तापमान में आने वाली गिरावट के साथ अस्थमा जैसी सांस की समस्याओं के ट्रिगर होने का खतरा हो सकता है। ऐसे में बचाव के उपाय करते रहना और सेहत का ख्याल रखना बहुत आवश्यक हो जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, अस्थमा से पीड़ित लोगों के वायुमार्ग अधिक संवेदनशील होते हैं और उनमें इंफ्लामेशन की आशंका भी अधिक होती है। ठंडी हवा वायुमार्ग में सूखापन पैदा कर सकती है, जिससे आसपास की मांसपेशियों में कसाव पैदा होने लगता है। यह स्थिति वायुमार्ग के सामान्य कार्य को बाधित कर सकती है, जिससे अस्थमा ट्रिगर हो सकता है।

इस तरह के जोखिमों से बचे रहने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक हो जाता है। ये सामान्य से उपाय आपको जटिलताओं से बचाने में सहायक हो सकते हैं।

आहार में बदलाव की जरूरत
अस्थमा की समस्या को ट्रिगर होने से बचाने के लिए स्वस्थ आहार का सेवन करना आवश्यक माना जाता है। वैसे तो अस्थमा वाले लोगों के लिए कोई विशिष्ट आहार नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर गंभीर जटिलताओं से बचाव किया जा सकता है। स्वस्थ और संतुलित आहार जिसमें बहुत सारे फल और सब्जियां शामिल हों, इनका सेवन आपको जटिलताओं से बचाने में मददगार है। ये बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी-ई जैसे एंटीऑक्सिडेंट के अच्छे स्रोत हैं जो आपके वायुमार्ग के आसपास की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

लहसुन-अदरक से लाभ
अध्ययनों में पाया गया है कि अस्थमा के रोगियों के लिए एंटी-इंफ्लामेटरी चीजों का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। साल 2013 के एक अध्ययन के अनुसार, लहसुन में सूजन-रोधी गुण सहित कई ऐसे तत्व होते हैं जो इंफ्लामेशन को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इसी तरह से अदरक भी इंफ्लामेशन के खतरे से आपको बचाने में मददगार है। अध्ययन से पता चला है कि अदरक से अस्थमा के लक्षणों में सुधार हो सकता है।

योग की बनाएं आदत
शरीर को स्वस्थ रखने और लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से योगासनों के अभ्यास की आदत बनाने की सलाह दी जाती है, इससे अस्थमा में भी लाभ पाया जा सकता है। योग, संपूर्ण फिटनेस को बढ़ाने में मदद करता है। योग का अभ्यास करने से तनाव कम हो सकता है, जिससे अस्थमा को ट्रिगर होने से रोका जा सकता है। योग और श्वसन तकनीक अस्थमा अटैक के जोखिमों को कम करने में मदद करती है।

दवा और इनहेलर का प्रयोग
जिन लोगों को अस्थमा की समस्या होती है उन्हें समय पर दवाइयों और इनहेलर लेने की सलाह दी जाती है। अस्थमा की समस्या को ट्रिगर होने से बचाने के लिए समय पर इनहेलर लेना आवश्यक होता है।

अस्थमा को ट्रिगर होने से बचाने के लिए सर्द मौसम से बचाव करते रहना आवश्यक माना जाता है। सांस की समस्याओं में तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।