भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण अंचल की पेयजल की परेशानी को हमेशा के लिए दूर करने के उद्देश्य से प्रदेश में जल जीवन मिशन में कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चाहते थे कि प्रदेश की करीब सवा 5 करोड़ ग्रामीण आबादी को जल जीवन मिशन में नल कनेक्शन के जरिए गुणवत्तापूर्ण जल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जा सके। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जल जीवन मिशन में हो रहे कार्यों की राज्य से लेकर जिला और ग्राम स्तर तक नियमित समीक्षा का क्रम बनाया जो सिलसिला जारी है। अब सभी जिलों की ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन से जल मुहैय्या करवाने के कार्य तेज गति से चल रहे हैं। मिशन में प्रदेश के 53 लाख 4 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से निरन्तर जल प्रदाय हो रहा है।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत सभी स्कूल और आँगनवाड़ियों में नल कनेक्शन से पेयजल प्रदान करने के अभियान में भी तेजी से काम किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अब तक लगभग 71 हजार से अधिक शालाओं तथा 41 हजार से अधिक आँगनवाड़ियों में नल से जल सुलभ कराया जा चुका है। शेष स्कूल और आँगनवाड़ियों में नल से जल पहुँचाने का कार्य निरंतर जारी है।

अब तक 50 हजार करोड़ से अधिक राशि मंजूर

मिशन में नवीन जल प्रदाय योजनाओं और रेट्रोफिटिंग कार्यों के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विगत करीब दो वर्षों में 33 हजार करोड़ की स्वीकृतियाँ जारी की जा चुकी हैं। हाल ही में मंत्रि-परिषद ने 17 हजार 971 करोड़ 95 लाख की नवीन जल संरचनाओं के स्वीकृति दी है। मिशन में हो रहे कार्यों पर केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा आधा-आधा व्यय भार वहन किया जाता है।

प्रदेश की ग्रामीण आबादी को उनके घर पर उपलब्ध हो रहे नल से जल संबंधी जल प्रदाय योजनाओं का संचालन, संधारण और जल कर वसूली कार्य का निर्वहन ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों द्वारा किया जा रहा है। इन समितियों में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को ग्राम जल समिति ने "जल मित्र" बनाया है, जो समय-समय पर पेयजल का परीक्षण करती हैं। इन सभी जल मित्र को पीएचई विभाग द्वारा जल परीक्षण का प्रशिक्षण दिलवाकर फिल्ड टेस्ट किट प्रदान किये गये हैं।