जयपुर । प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रीमती श्रेया गुहा ने सहकार भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सहकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसान कृषि कार्यों में यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया का इस्तेमाल करें। नैनो यूरिया उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी बहुत उपयोगी है। सहकारी समितियां सहकार जन के माध्यम से नैनो यूरिया के इस्तेमाल एवं इससे होने वाले फायदों के बारे में किसानों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि कृषि एवं सहकारिता विभाग को नैनो यूरिया की जानकारी पहुंचाने के लिए जिला एवं ब्लॉक लेवल पर सम्मेलन करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया किसानों के हित का नया उत्पाद है। जिसका फायदा किसानों के साथ-साथ सहकारी समितियों को भी होगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता का आंदोलन समुदाय को सशक्त करने के लिए हुआ है और केन्द्र में भी नया सहकारिता मंत्रालय बनने और राज्य के भी सहयोग से आने वाले दिनों में सहकारिता को और बल मिलेगा।कार्यक्रम के अध्यक्ष इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि अगले वर्ष नैनो डीएपी को भी किसानों के हित में उपयोग के लिए लाया जाएगा। भारत सरकार ने इफको के नैनो यूरिया को स्वीकृति दे दी है। उन्होंने कहा कि यूरिया का उपयोग कृषि के साथ वातावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। राजस्थान में पानी की कमी को देखते हुए नैनो यूरिया का उपयोग अच्छे परिणाम दे रहा है। आज विज्ञान के क्षेत्र में  नैनो तकनीक का उपयेाग तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में कृषि क्षेत्र में भी नैनो तकनीक के माध्यम से कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल एवं उतम स्वास्थ्य के लिए कृषि तकनीक का उपयोग शुरू हुआ है।डॉ अवस्थी ने कहा कि यूरिया के उपयोग से उत्पादन मे कमी के साथ जमीन को भी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सहकार जन किसानों को नैनो यूरिया के उपयोग के बारे में बताए क्योंकि नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिडक़ाव करने से नाइट्रोजन की आपूर्ति हो जाती है। जिससे उत्पादन में वृद्धि के साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के द्वारा कृषि क्षेत्र में नैनो तकनीक, जैविक उर्वरकों को बढ़ावा देने की सख्त जरूरत है।