अयोध्या| मोदी-योगी सरकारों द्वारा इस अयोध्या की भव्यता को बहाल करने और 2024 तक वैश्विक शहर बनाने के प्रयास में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाएं शुरू करने के साथ, दुनिया को एक 'नई अयोध्या' दिखाई देने लगेगी। जल्द ही परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार रामलला की जन्मस्थली तक पहुंच की सुविधा के लिए 900 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों को चौड़ा और उन्नत करने के लिए काम कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से पहली किस्त के तौर पर 107 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार श्री राम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और राम पथ को चौड़ा करने का कार्य तेजी से चल रहा है।

अयोध्या बाईपास (रिंग रोड) का निर्माण, चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण और सलारपुर रेलवे स्टेशन टर्मिनल का निर्माण भी अयोध्या की महिमा को बहाल करेगा। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। एयरपोर्ट के पहले चरण में 252 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रनवे और टर्मिनल के निर्माण की अनुमानित लागत क्रमश: 98 करोड़ रुपये और 56 करोड़ रुपये है। हवाई अड्डे की इमारत को निमार्णाधीन राम मंदिर की प्रतिकृति के रूप में डिजाइन किया गया है।

अयोध्या का रेलवे स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा। जिसका कुल बजट करीब 440 करोड़ रुपये का है। इस परियोजना में आकर्षक भवनों का निर्माण, पाकिर्ंग, कर्मचारियों के लिए आवास, रेलवे पुलिस के लिए कार्यालय, तीन नए प्लेटफार्मों का निर्माण, सड़क निर्माण, जल निकासी कार्य आदि शामिल हैं। अयोध्या स्टेशन भवन 10,000 वर्ग मीटर में फैला होगा।

सरकार जून 2023 तक अयोध्या में खुले बिजली के तारों के जाल को पूरी तरह से भूमिगत केबलों से बदलने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। 'उज्‍जवल भारत, उज्जवल भविष्य-पावर 2047' कार्यक्रम के तहत चलाई जा रही परियोजना की कुल लागत 179.60 करोड़ रुपये है। इसके अलावा अयोध्या में अब तक उजाला योजना के तहत 3,81,536 एलईडी लाइटें वितरित की जा चुकी हैं।

पौराणिक कथाओं में उल्लेखित 108 तालाबों का सौंदर्यीकरण भी तेजी से हो रहा है। प्राचीन सूर्य कुंड का सौंदर्यीकरण पहले ही पूरा हो चुका है। इसके अलावा, ग्रीनफील्ड टाउनशिप के निर्माण पर अनुमानित 3,000 करोड़ रुपये और राजमार्गों के निर्माण पर लगभग 12,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।