आज का दिन भारतीय पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह के सबसे खात दिनों में से एक है। 21 साल पहले इस दिग्गज स्पिनर ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अपनी फिरकी पर नचाया था और भारत को शानदार जीत दिलाई थी। आज ही के दिन हरभजन भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे, इस दौरान उन्होंने रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को अपने जाल में फंसाया था। इस टेस्ट के बाद भज्जी की जिंदगी बदल गई और यह बात खुद यह स्पिनर मानता है।

2001 में भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहला टेस्ट 10 विकेट के अंतर से जीता था। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में यह मैच हारने के बाद टीम इंडिया कोलकाता रवाना हुई। यहां ईडन गार्डन पर दोनों टीमों के बीच दूसरा टेस्ट खेला जाना था। दिग्गाज स्पिनर अनिल कुंबले के चोटिल होने की वजह से स्पिन डिपार्टमेंट की अगुवाई हरभजन सिंह कर रहे थे। भज्जा ने इस मौके को दोनों हाथों से लपका।

दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया, सलामी बल्लेबाज माइकल स्लेटर और मैथ्यू हेडन ने टीम को शानदार शुरुआत देते हुए पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की। इसके बाद जस्टीन लैंगर ने आकर भी अर्धशतक जड़ा और भारत की मुश्किलें बढ़ा दी। एक समय ऐसा था जब मेहमान टीम का स्कोर 252 रन पर चार विकेट था। स्टीव वॉ और रिकी पोंटिंग उस समय बल्लेबाजी कर रहे थे और एडम गिलक्रिस्ट का आना बाकी था जो पहले टेस्ट में शतक लगा चुके थे।

हरभजन ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच से की थी। क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में हरभजन ने 103 मैचों में अबतक कुल 417 विकेट अपने नाम किए हैं। अपने टेस्ट करियर में भज्जी 5 दफा एक टेस्ट मैच में 10 विकेट ले चुके हैं, जबकि 25 बार उन्होंने 5 से ज्यादा विकेट चटकाए हैं। साल 2011 में भज्जी भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले पहले ऑफ स्पिनर बने थे।