इंदौर. मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने जंगल सिंह हत्याकांड का एक साल बाद पर्दाफाश किया है. उसकी हत्या दो दोस्तों ने की थी. शराब पार्टी के दौरान मृतक एक पैग ज्यादा शराब मांग रहा था. इस वजह से दोनों आरोपी भड़क गए थे और उन्होंने नशे में दोस्त को मौत के घाट उतार दिया था. मृतक का कंकाल हत्या के 15 दिन बाद ही जंगल में मिल गया था, लेकिन उसकी पहचान अब उजागर हुई. पहचान मिलने के बाद आरोपी गिरफ्तार किए गए. आरोपी सबूत छुपाने के लिए मृतक का आधार कार्ड भी साथ ले गए थे.
जानकारी के मुताबिक, लगभग एक साल पहले बेटमा थाना अंतर्गत सिंधीपुरा गांव के एक खेत में एक कंकाल मिला था. पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी. इस दौरान पता चला था कि कंकाल जंगल सिंह भूरिया का है. पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि जंगल सिंह अपने दो अन्य साथियों के साथ भंगार खरीदने बेचने का काम करता था. आखिरी बार मृतक को गेंदालाल और जगदीश वसुनिया के साथ देखा गया था. इसके बाद पुलिस ने गेंदालाल और जगदीश के घर दबिश दी तो वह घर से गायब थे.
1 साल से पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी, लेकिन वे लगातार पुलिस को चकमा दे रहे थे. पुलिस को हाल ही में जानकारी मिली की दोनों आरोपी अलग-अलग जगहों पर अपने ससुराल में एक साल से छिपे हैं. पुलिस ने दबिश देकर दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो आरोपियों ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया. पुलिस अधिकारी के मुताबिक,आरोपियों ने बताया कि वे सभी एक साल पहले सिंधीपुरा में हरि सिंह के खेत पर पार्टी मनाने गए थे. वहां विवाद हो गया. आरोप है कि मृतक अधिक शराब मांग रहा था.
आरोपियों ने पुलिस को बताया, मृतक कह रहा था कि उसने शराब खरीदने के लिए ज्यादा पैसे मिलाए हैं, इसलिए उसे शराब का एक पैग ज्यादा चाहिए. इसी बात पर विवाद बढ़ गया और  विवाद के चलते आरोपियों ने जंगल सिंह पर हमला बोल दिया. चोट लगने की वजह से वह बेहोश होकर नीचे गिर गया और फिर उठा नहीं. उसकी मौत हो गई. आरोपी उसे मृत छोड़कर वहां से भाग गए. चूंकि जंगल होने की वजह से यहां अधिक लोगो का आना-जाना नहीं था. इसलिए आरोपियों ने शव की पहचान छुपाने के लिए उसकी जेब में रखे दस्तावेज और सामान भी निकल लिए.