सतना ।  प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने सतना जिले में प्रसिद्ध मैहर माता मंदिर समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी किए हैं। नगर में मांस और मदिरा की बिक्री भी बंद करने को लेकर सतना कलेक्टर को पत्र भेजा है। इस मामले में सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा का कहना है कि मंत्री उषा ठाकुर का पत्र प्राप्त हुआ है। उसके संबंध में परीक्षण कराया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। विश्व-हिंदू परिषद सतना ने संस्कृति मंत्री को पत्र लिखकर अपनी मांगें रखी थीं, जिस पर विभाग ने आदेश जारी किया है। पत्र में गत 17 जनवरी को भेजे आदेश का जिक्र किया गया है कि मैहर नगरी में मांस-मदिरा की ब्रिकी बंद कराने और शारदा मंदिर समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया गया था। उप सचिव पुष्पा कुलेश ने 3 दिन में प्रतिवेदन भेजने को कहा है। पत्र में गत 17 जनवरी को भेजे आदेश का जिक्र किया गया है कि मैहर नगरी में मांस-मदिरा की ब्रिकी बंद कराने और शारदा मंदिर समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया गया था। उप सचिव पुष्पा कुलेश ने 3 दिन में प्रतिवेदन भेजने को कहा है।

मंदिर समिति में धर्म के आधार पर नियुक्ति का नियम नहीं :

सतना कलेक्टर को भेजे पत्र में लिखा गया है कि 17 जनवरी को इस संबंध में तत्काल परीक्षण कर रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन वह अभी तक अपेक्षित ही है। अब उपसचिव से 3 दिन में प्रतिवेदन भेजने को कहा गया हैं। हालांकि चुनावी साल में आए धर्मस्व विभाग के इस आदेश से विवाद खड़ा हो सकता है क्योंकि मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के नियमों में कहीं भी कर्मचारियों की नियुक्ति में धर्म को आधार बनाए जाने का प्रावधान नहीं है।

विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल ने किया आदेश का स्वागत :

विहिप और बजरंग दल ने तो इस आदेश का स्वागत करते हुए माता शारदा की महाआरती का भी ऐलान कर दिया है। बजरंग दल के जिला संयोजक महेश तिवारी ने कहा कि हम वर्षों से यह मांग करते आ रहे हैं, जिस पर अमल होने की बारी अब आई है। ये लेटर विश्व-हिंदू परिषद सतना ने मंत्री को दिया था, जिसमें समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की मांग की गई थी।

मंदिर समिति में हैं तीन मुस्लिम कर्मचारी :

शारदा मंदिर प्रबंध समिति में मौजूदा समय में तीन मुस्लिम कर्मचारी आबिद, अयूब और यूसुफ खान कार्यरत हैं। इनमें से आबिद समिति के कोर्ट मैटर और वाहन की व्यवस्था देखता है। बताया जाता है कि आज तक किसी भी अदालती मामले में मंदिर प्रबंध समिति को जीत हासिल नहीं हो पाई है। आबिद के कामकाज और समिति के प्रति निष्ठा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के अधीक्षक नंदकिशोर पटेल ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों को बाहरी काम सौंपा गया है। वह समिति के निर्देश पर काम करते हैं। उधर, मैहर में मदिरा की बिक्री प्रतिबंधित किए जाने के मामले में जिला आबकारी अधिकारी विभा मरकाम का कहना है कि जब तक आबकारी विभाग ऐसे निर्देश नहीं देता और दुकान को डीनोटिफाइड नहीं करता, तब तक कहीं से भी कोई दुकान बंद नहीं कराई जा सकती है।