शुक्रवार को चिकित्सा विभाग ने एक रिपोर्ट सार्वजनिक की है जिसमें बताया गया है कि उदयपुर में बीफ से बनी पाकिस्तानी चॉकलेट की बिक्री तेजी से हो रही है। रिपोर्ट में साफ तौर पर यह भी बताया गया है कि वह चॉकलेट ना तो ब्रांडेड है और ना ही सुरक्षित है। कहा गया है कि अब इस मामले में पुलिस विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए। उदयपुर में पुलिस कंट्रोल रूम के समीप एक चॉकलेट की दुकान से दिसम्बर 2022 में गौ मांस से बनी पाकिस्तानी चॉकलेट बिकती पाई गई थी। जिसके नमूने जांच के लिए चिकित्सा विभाग के खाद्य इंस्पेक्टर ने लिए थे।

बिना ब्रांड की असुरक्षित चॉकलेट

पंद्रह दिन की जगह दो महीने में जारी रिपोर्ट में चिकित्सा विभाग ने पाकिस्तानी चॉकलेट को पूरी तरह से असुरक्षित बताया है। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर लाल बामणिया का कहना है कि विभाग के खाद्य निरीक्षक अशोक कुमार ने 'चिली-मिली कैंडी' नामक पाकिस्तानी चॉकलेट के नमूने लिए थे, जो गोमांस से बनी हुई पाई गई। वह ना तो ब्रांडेड पाई गई और ना ही सुरक्षित थी। उन्होंने कहा कि अब दुकानदार को नोटिस दिया जाएगा, जिसका उसे एक महीने के अंदर जवाब देना होगा। उसके बाद एडीएम कोर्ट और एसजीएम कोर्ट में भी कार्रवाई होगी। साथ ही खाद्य निरीक्षक का कहना है कि इस मामले में पुलिस विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए।

कई विक्रेताओं तक पहुंच चुकी थी चॉकलेट

उल्लेखनीय है कि देहली गेट स्थित पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर चॉकलेट की दुकान पर बीफ से निर्मित पाकिस्तानी चॉकलेट बिकती पाई गई थी। विक्रेता दुकानदार ने बताया कि था उसने मुम्बई से यह चॉकलेट मंगवाई थी और लंबे समय से इसे बेच रहा था। उसे इसकी जानकारी नहीं थी कि चॉकलेट गोमांस या गाय की चर्बी से निर्मित है। जबकि उसने इसकी सप्लाई उदयपुर के कई चॉकलेट विक्रेताओं को की थी, जिसके बाद चिकित्सा विभाग ने अभियान चलाकर कई दुकानों से बीफ से निर्मित चॉकलेट जब्त कर ली थी। उसके बाद शहर के विभिन्न संगठनों ने विरोध जताया और विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन किया था।