इस्लामाबाद । आर्थिक रूप से कंगाली के कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान की हालत बहुत खराब है। पाकिस्तान अपने आप को बचाने के लिए आईएमएफ से कर्ज की भीख मांग कर रहा है। लेकिन कर्ज पाने के लिए आईएमएफ ने कई शर्तें लगा रखी हैं। इन शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने यूएई से मदद मांगी है। संयुक्त अरब अमीरात ने 1 बिलियन डॉलर का निवेश कर सकता है। यूएई ने विभिन्न आर्थिक और निवेश क्षेत्रों में पाकिस्तानी उद्यमों में 1 बिलियन डॉलर के निवेश के इरादे की घोषणा की है। वहीं पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के और भी बुरे दिन आने वाले हैं।
संयुक्त अरब अमीरात के सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस कदम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों का विस्तार करना है। पाकिस्तान को आईएमएफ की मांगों को पूरा करने के लिए मित्र देशों से 4 अरब डॉलर के वित्त पोषण का बेसब्री से इंतजार है। पाकिस्तान को इस समय पैसे की इस कदर जरूरत है कि सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा भी अमेरिका से पैसा मांग रहे हैं। इसके अलावा बाजवा ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से संपर्क किया है, ताकि वह आईएमएएफ की शर्तों को पूरा करने में मदद कर सकें। पाकिस्तान के एक टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार पाकिस्तान को जल्द ही मित्र देशों से समर्थन मिलने की उम्मीद है, ताकि आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड 24 अगस्त 2022 तक 7 बिलियन डॉलर का कर्ज दे सके।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी और बुरे दिन आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों के लिए आयात पर अंकुश लगाना जारी रखा जाएगा। पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इमरान खान की नीतियों से अर्थव्यवस्था खराब हुई है और शहबाज शरीफ सरकार इसे झेल रही है।