फिर भी ज़िंदगी हसीन है…


आईए दोस्तों आज के लेख की शुरुआत एक कहानी से करते हैं। गाँव का धोबी गधे के ऊपर कपड़े लाद कर शहर लाया व धोने के बाद वापस ले ज़ाया करता था। एक बार गर्मी के दिनों में वह गधे पर बहुत सारे कपड़े लाद कर लेकर जा रहा था। उस दिन  अत्यधिक गर्मी की वजह से धोबी और गधे दोनो का हाल, बेहाल था। ऊबड़ खाबड़ रास्ते में गर्मी की वजह से बेहाल गधा चक्कर खाकर गड्डे में गिर गया।

गधे के गड्डे में गिरने की वजह से धोबी की हालत ख़राब थी, उसने गधे को बाहर निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नाकामयाब रहा। वह कैसे भी उसे बाहर निकालना चाहता था वहीं दूसरी और गड्डे में गिरने की वजह से गधा भी परेशान था वह भी ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाकर मालिक से बाहर निकालने के लिए कह रहा था। गड्डे की गहराई की वजह से धोबी कई प्रयास करने के बाद भी सफल नहीं हो पा रहा था। वह पास के गाँव कुछ लोगों को मदद करने के लिए बुलाकर अपने साथ लाया। सभी ने मिल कर बहुत प्रयास करा लेकिन गड्डे की गहराई अधिक होने के कारण उन्हें भी असफलता हाथ लगी। इसके बाद सभी ने ने सलाह कर निर्णय लिया कि इस गधे को बाहर निकालना तो सम्भव नहीं है, इसलिए इसे इसी गड्डे में दफ़ना देना चाहिए। इसके ठीक विपरीत गधा सोच रहा था की मालिक कितने अच्छे हैं, मुझे बचाने के लिए कितने सारे लोगों को लेकर आए हैं। 

पहले तो धोबी गाँव के लोगों की बात मानने के लिए सहमत नहीं था परंतु कोई और रास्ता ना निकलता देख, गाँव वालों के सुझाव के अनुसार धोबी ने भी गधे को दफ़नाने के निर्णय को स्वीकार कर लिया। इसके बाद सभी मिल कर उस गड्डे के आस-पास गधे को दफ़नाने के लिए मिट्टी खोदने लगे। मिट्टी खोदने वाला व्यक्ति मिट्टी खोदता था। दूसरा व्यक्ति उसे तगारी में भरकर तीसरे व्यक्ति को पकड़ा देता था और तीसरा व्यक्ति उसे गड्डे में डाल देता था। गधा समझ नहीं पा रहा था की मेरे ऊपर मिट्टी क्यूँ डाली जा रही है, वह तो बस जैसे ही मिट्टी उसके ऊपर गिरती, उसे झटककर नीचे गिरा देता था। काफ़ी देर तक यह क्रम ऐसे ही अनवरत चलता रहा। लोग उसके ऊपर मिट्टी डालते जाते और गधा उस मिट्टी को झटक कर उसे नीचे गिरा देता और अपने पाँव जो थोड़े-थोड़े मिट्टी में दब जाते थे, उन्हें मिट्टी से बाहर निकालकर वापस से मिट्टी के ऊपर खड़ा हो जाता था।अब गधा धीरे-धीरे गड्डे में ऊपर आता जा रहा था और गाँव वाले भी गधे की बुद्धिमत्ता देख हैरान थे। थोड़ी ही देर में वह गड्डा काफ़ी भर गया और गधा भी काफ़ी ऊपर आ गया। गड्डे में काफ़ी ऊपर आने के बाद गधे को हिम्मत आ गयी और उसने जोर से छलांग लगाई और गड्डे के बाहर आ गया। 

दोस्तों कहानी तो है बड़ी साधारण सी लेकिन अपने अंदर जीवन को बेहतर तरीक़े से जीने के कई महत्वपूर्ण सीख लिए हुए है, आइए आज हम उन सूत्रों को समझते हैं-

1) परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत क्यूँ ना हो स्वयं को सकारात्मक रखें। सकारात्मक नज़रिया आपको हर परिस्थिति का डटकर मुक़ाबला करने की हिम्मत देता है और यही हिम्मत हमें परेशानी का समाधान निकालने में मदद करती है।
2) स्वयं पर विश्वास आपको निडर और समर्थ बनाता है। जब आप अपने और अपनी छुपी हुई क्षमताओं का विश्वास के साथ उपयोग करते है तो सफलता आपकी ओर खींची चली आती है। 
3) आपका बुरा तब तक नहीं हो सकता, जब तक आप सजगता के साथ रहते हुए अपने निर्णय लेते है।
4) संतुलित दिमाग़, मानसिक सतर्कता, नियंत्रित कर्म एवं कभी हार ना मानने का सकारात्मक नज़रिया आपको हर परेशानी या विपत्ति से बचा सकता है।

याद रखिएगा दोस्तों, लोग आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं, आपके बारे में क्या सोचते हैं, यह आपके हाथ में नहीं है लेकिन उनकी सोच या उनका व्यवहार आपको तब तक नुक़सान नहीं पहुँचा सकता है, जब तक आप इसकी इजाज़त ना दें। 

-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर   
dreamsachieverspune@gmail.com