देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने गुरुवार को कहा कि उसने भारत से अब तक के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा बांड जारी करके 4 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज जुटाया है। तेल से लेकर दूरसंचार के क्षेत्र में व्यापार करने वाले समूह ने फॉरेन करेंसी डोमिनेटेड बॉन्ड्स में धन जुटाया और मौजूदा उधारों को खत्म करने के लिए इसका उपयोग करने की योजना बनाई। फर्म ने 2.875 प्रतिशत की कूपन दर पर 1.5 बिलियन अमरीकी डालर, 3.625 प्रतिशत पर 1.75 बिलियन अमरीकी डालर और 3.75 प्रतिशत पर 750 मिलियन अमरीकी डालर जुटाए। इन्हें 2032 और 2062 के बीच चुकाना है। कंपनी की ओर से बताया गया कि 'नोट्स की कीमत संबंधित यूएस ट्रेजरी बेंचमार्क से 120 बेसिस प्वाइंट, 160 बेसिस प्वाइंट और 170 बेसिस प्वाइंट पर रखी गई है।

बॉन्ड के लिए एशिया, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में 200 से अधिक खातों से ऑर्डर रिसीव हुए। एशिया में 53 फीसदी, यूरोप में 14 फीसदी और अमेरिका में 33 फीसदी बॉन्ड डिस्ट्रीब्यूट किए गए है। इन हाई क्वालिटी फिक्स्ड इनकम अकाउंट में डिस्ट्रीब्यूट किया गया है। इनमें से 69% फंड मैनेजर्स को, 24% इंश्योरेंस कंपनियों को, 5% बैंकों को और 2% पब्लिक इंस्टीट्यूशनंस को दिए गए है।