नई दिल्ली । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक हरी शंकर गुप्ता ने कहा कि जून 2021 में पास की गई आबकारी नीति पर फंसती आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जहां अब मुंह छिपाते दिख रहे हैं वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब नीति पर असैद्धांतिक प्रेस वार्ता करके बेबुनियाद स्पष्टीकरण दे रहे है क्योंकि यह प्रेस वार्ता मुख्यमंत्री को करनी चाहिए थी। सिसोदिया द्वारा तत्कालीन उपराज्यपाल पर आरोप लगाया यह मानना है कि नई शराब नीति लागू करने में भ्रष्टाचार किया गया है। संवाददाता सम्मेलन में कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन अनुज आत्रेय भी मौजूद थे।
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार के नेतृत्व में पहले दिन से ही शराब नीति का विरोध करती रही है और अब मनीष सिसोदिया की शराब माफिया से सांठगांठ से हुआ भ्रष्टाचार पूरी तरह उजागर हो चुका है और वह दिन दूर नही जब मनीष सिसोदिया सीबीआई जांच में दोषी पाए जाने के बाद जेल में होंगे। केजरीवाल द्वारा मनीष सिसोदिया से दूरी स्पष्ट करती है कि सिसोदिया शराब घोटाले के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।
श्री गुप्ता ने कहा कि नई आबकारी नीति को लागू करने के लिए मनीष सिसोदिया द्वारा तत्कालीन उपराज्यपाल दोष मढ़ना, अपने आप को शराब नीति में हुए भारी भ्रष्टाचार से अलग करने की मात्र कोशिश है जबकि यह साफ हो चुका है कि इन्होंने शराब माफिया को फायदा पहुॅचाने के लिए हजारों करोड़ रुपये छूट दी है जबकि नॉन-कन्फर्मिंग क्षेत्रों में शराब की दुकाने खुलवाकर रिहायशी क्षेत्रों के सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने का काम किया है। सिसोदिया का यह बयान कि शराब की दुकानों को वार्ड वाईज़ बराबर वितरण नीति के तहत हमने शराब की दुकानों को नॉन-कन्फर्मिंग क्षेत्रों में भी खोला, पूरी तरह आबकारी नीति के नियमों का विरोध था, जिसको सिसोदिया उपराज्यपाल पर आरोप लगाकर सही साबित करने की कोशिश कर रहे है।
श्री गुप्ता ने कहा कि जब नई आबकारी नीति का प्रारुप दिल्ली सरकार का था, नियमन और लागू करना भी दिल्ली सरकार का था, उसके बावजूद तत्कालीन उपराज्यपाल पर अपनी कमियों और भ्रष्टाचार साबित होने पर दोष मढ़ना एक साजिश के तहत कार्य हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि शराब नीति के प्रारुप में उपराज्यपाल ने बदलाव किए थे, तब लागू करने से पहले आपने इसका विरोध क्यों नही किया? उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया द्वारा तत्कालीन उपराज्यपाल के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग करना सिर्फ दिल्ली को गुमराह करने कार्यवाही है, दिल्ली वालो का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक संकट आदि से हटाया जा सके।
श्री गुप्ता ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार ने शराब नीति बनाते समय सामाजिक पहलूओं पर ध्यान नही रखा जिसके कारण उन्हें नई शराब नीति को वापस लेने को मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि जिस शराब नीति को लागू करने का उन्होंने ढोल बाजे के साथ प्रचार किया, उसे वापस लेने एक दिन का भी समय नही लगाया। भ्रष्टाचार साबित होने के बाद सीबीआई जांच के डर के कारण अरविन्द केजरीवाल द्वारा शराब नीति को वापस लेना दिल्ली कांग्रेस की सीधी जीत है जिसका कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतर कर विरोध किया जबकि किसी अन्य राजनीतिक दल ने इसका खुलकर विरोध नही किया।
श्री गुप्ता ने कहा कि नॉन कंफर्मिंग क्षेत्रों में शराब की दुकाने खोलने की पैरवी करना मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की समाज व जन विरोधी चेहरे को उजागर करता है, क्योंकि ऐसी कोई नीति-नियम नही है जिसके तहत रिहायशी, स्कूलों और धार्मिक स्थलों के नजदीक शराब के ठेके खोले जा सकें। मनीष सिसोदिया ने हजारों करोड़ के अपनी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार सभी नियमों को ताक पर रखकर नई शराब नीति लागू की और अब मुख्यमंत्री सहित पूरी सरकार फंसती दिखाई दे रही है तब उपराज्यपाल पर दोष मढ़कर मनीष सिसोदिया अपने आप को बचाना चाहते है।