दोस्तों, एक लम्बे अरसे के बाद मेरे एक परिचित मुझसे मिलने के लिए आए। आशा के विपरीत लम्बे समय बाद उन्हें अपने सामने देख मैं बहुत खुश था। हालाँकि लम्बे समय बाद मिलने की ख़ुशी उनके चेहरे पर भी थी पर साथ ही वे थोड़े चिंतित भी नज़र आ रहे थे। शुरुआती कुशलक्षेम पूछने के बाद मैंने उनसे जब इस विषय में पूछा तो वे बोले, ‘क्या बताऊँ यार दिमाग़ ख़राब हो गया था जो मैंने यहाँ की एक एडवाइज़री की बातों में आकर रिटायरमेंट से मिले पैसे बाज़ार में लगा दिए थे । अब ना वह व्यक्ति मिल रहा है ना पैसा। उनकी बात सुन मैंने उन्हें पुलिस में शिकायत करने और क़ानूनी सलाह लेने की सलाह दी। 
वैसे भी दोस्तों बाज़ार में आजकल ऐसे सलाहकारों की बाढ़ सी आई है। आप जब भी उनसे मिलेंगे, वे आपको बहुत ही कम पैसों या मुफ़्त में ही अपनी सेवाएँ देने की पेशकश करेंगे। बातों-बातों में ही वे उनकी सेवाओं से मिलने वाले फ़ायदों की लम्बी-चौड़ी सूची आपके सामने रख, आपको लालच दे, उनकी सेवाएँ लेने के लिए उकसाएँगे। अगर उनकी बातों में फँस कर गलती से आप सेवाएँ ले लेते हैं तो आपका नुक़सान होना तय है। इस स्थिति को मैं आपको एक छोटी सी कहानी से समझाने का प्रयास करता हूँ-
एक दिन, जब एक जुलाहा कपड़ा बुन रहा था, तभी उसका लकड़ी का बना करघा टूट गया। जब तक करघा ठीक नहीं हो जाता, तब तक जुलाहा कपड़ा नहीं बुन सकता था तो वह अपनी कुल्हाड़ी लेकर जंगल की ओर लकड़ी की तलाश में निकल पड़ा ताकि उसकी सहायता से वह अपना करघा ठीक कर सके। कुछ दूर जाने पर उसे एक बड़ा पेड़ को देखकर वह सोचने लगा, “अगर मैं इस पेड़ को काट लूँ, तो मुझे बहुत सारी लकड़ी मिल जाएगी और उससे मैं बुनाई के सारे औजार बना लूँगा।”
उसने कुल्हाड़ी से पेड़ को काटना शुरू किया। उस पेड़ पर एक भूत रहता था, जब जुलाहा पेड़ काटने लगा तो वह भूत बोला, “यह पेड़ मेरा घर है। मैं तुमसे इसे छोड़ देने की विनती करता हूँ।”
जुलाहे ने जवाब दिया, “मुझे मेरा करघा ठीक करने के लिए इस पेड़ को काटना ही होगा, मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। ” प्रेत ने कहा, “मैं तुम्हारी हर इच्छा पूरी कर सकता हूँ, बस, तुम इस पेड़ को मत काटो। तुम जो माँगोगे, मैं तुम्हें दूँगा!” जुलाहा यह सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ। पेड़ पर वाला भूत उसकी हर तरह की इच्छा पूरी करने का वचन दे रहा था। जुलाहे ने कुछ देर सोचकर भूत से कहा, “मुझे इस बारे में अपने परिवार से बात करनी पड़ेगी। तुम प्रतीक्षा करो, मैं अभी आता हूँ।” इतना कहकर वह जल्दी से अपने घर के लिए भागा।
रास्ते में उसे एक मित्र मिला । मित्र से भी उसने सलाह ली। मित्र ने कहा, “इस अवसर को मत गँवाओ । तुम उससे राज्य माँग लो। तुम राजा बनकर रहना और राजसी सुख-सुविधाओं का आनंद उठाना।”
जुलाहे को यह सुझाव पसंद तो आया लेकिन उसने फिर भी परिवार से मशवरा लेने का निश्चय किया । घर पहुँचते ही उसने सारी बात सबको बताई। सभी ने जुलाहे की बात को बहुत ध्यान से सुना और काफ़ी विचार विमर्श के बाद इस नतीजे पर पहुँचे कि जुलाहे को मित्र ने बिलकुल मूर्खतापूर्ण सलाह दी है । उसकी जगह जुलाहे को भूत से वरदान में एक और सिर, और एक जोड़ी हाथ और माँगना चाहिए। जिससे वह एक साथ दो कपड़े बुन सकेगा। अपने हाथों के कौशल की बदौलत जुलाहे का बहुत नाम भी हो जाएगा और वह बहुत सारा  धन भी कमा लेगा।”
सीधा साधा जुलाहा प्रसन्न होकर भूत के पास जाकर बोला,“मुझे एक और सिर, और एक जोड़ी हाथ और दे दो।” 
जैसे ही उसके मुँह से यह बात निकली, वैसे ही उसके एक और सिर उग आया, साथ ही दो अतिरिक्त हाथ भी निकल आए।
जुलाहा प्रसन्न होकर अपने घर की ओर चल दिया। रास्ते में उसे गाँव वाले मिले। गाँव वालों ने दो सिर और चार हाथ वाला मनुष्य देखा तो वे डर गए। उन्हें लगा कि गाँव में कोई राक्षस आ गया है। सारे लोगों ने मिलकर उसे घेर लिया और उसे पीट-पीटकर मार डाला। मूर्खतापूर्ण सलाह मानने के कारण बेचारे सीधे साधे जुलाहे को अपनी जान गँवानी पड़ गई।
दोस्तों इसमें कोई दो मत नहीं है कि सलाहकार की सेवाएँ आपको अपने लक्ष्य तक जल्द पहुँचने में मदद करती हैं। लेकिन उससे पहले यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि आपको उस क्षेत्र का थोड़ा बहुत ज्ञान है या नहीं। जिससे आप सलाहकार की सलाह की गहराई को समझ सके, उसे परख सके। इसके साथ ही सलाहकार चुनने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लेना भी महत्वपूर्ण है कि वह व्यक्ति इसके योग्य है भी या नहीं। इसके लिए आप उस सलाहकार की योग्यता जाँच या परख सकते हैं और साथ ही उनसे उनके अनुभव, शिक्षा, कस्टमर फ़ीड्बैक आदि के बारे में पूछ सकते हो। 
याद रखिएगा दोस्तों, आँख मींचकर सलाहकार चुनना हमेशा नुक़सान ही पहुँचाएगा, जबकि सजग रहते हुए इस दिशा में आगे बढ़ना मुनाफ़ा देगा।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर   
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