जीवन जीने का मकसद होना जरूरी है, वरना व्‍यक्ति दिशाहीन हो जाता है. अच्‍छे सफल-सुखी जीवन के लिए अच्‍छी आदतें अच्‍छे कर्म करना जरूरी है.

महान कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्‍त्री, राजनीतिज्ञ मार्गदर्शक आचार्य चाणक्‍य ने अपने नीति शास्‍त्र में लिखा है कि हर व्‍यक्ति को अपने जीवन में कुछ अच्‍छे काम जरूर करना चाहिए, साथ ही कुछ कामों से बचना चाहिए. यदि ऐसा न हो तो व्‍यक्ति का जीवन व्‍यर्थ हो जाता है.

सफल जीवन के लिए जरूरी चाणक्‍य नीतियां
आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि व्‍यक्ति का संवेदनशील, कर्मठ, अच्‍छे विचार वाला ईमानदार होना जरूरी है, वरना उसका जीवन व्‍यर्थ है. जानिए अच्‍छे जीवन के लिए किन बातों का ध्‍यान जरूर रखना बहुत जरूरी है.

- ऐसे लोग जिनमें दया भाव न हो, उनका जीवन व्‍यर्थ है. इतना ही नहीं उनके स्‍वभाव की यह कठोरता उन्‍हें मनुष्‍य नहीं रहने देती है वे अपने जीवन में इसका भारी नुकसान उठाते हैं.

- ऐसे लोग जो हमेशा दूसरों से लड़ते-झगड़ते रहते हैं अपने शत्रु बनाते हैं. ऐसे लोगों से लोग दूरी बना लेते हैं. समाज में ऐसे लोगों को कभी सम्‍मान नहीं मिलता है. व्‍यक्ति का यह बुरा आचरण उसे ना तो सफल होने देता है ना ही कोई सुख देता है. ऐसा व्‍यक्ति अपने परिवार के लिए भी नुकसान बदनामी का कारण बनता है.

- जो लोग खुद कर्म करके धन कमाने की बजाय दूसरों के धन पर अपनी नजर रखता है, वह अपने जीवन में कभी सुख नहीं पाता. बल्कि चोरी, झूठ धोखे से कमाया गया धन उसके उसके परिवार का विनाश कर देता है.

- जो लोग मुसीबत के समय अपने मित्रों परिवार की मदद नहीं करते हैं, लोग उनका साथ भी नहीं देते हैं. मुसीबत के समय इन लोगों की कोई मदद नहीं करता. ये अकेले ही अपने जीवन में जूझते रहते हैं.

- दान-धर्म न करने वाले व्‍यक्ति का जीवन भी बोझ की तरह होता है क्‍योंकि वह ना तो अपने लिए पुण्‍य कमाता है ना दूसरों के काम आता है.

- हमेशा गुस्‍से में रहने वाले लोगों के जीवन में आखिर में पछतावा ही हाथ आता है. गुस्‍से के कारण उनके अपने परिजन भी उनके साथ रहना पसंद नहीं करते हैं. गुस्‍से के कारण वे अपने जीवन में कई अच्‍छे मौके खो देते हैं अपनी ऊर्जा को नकारात्‍मक कामों में बर्बाद कर देते हैं.