अंडमान निकोबार द्वीप समूह के ऊपर 19 मई से अटके दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने 29 मई को रफ्तार पकड़ी है। 15 जून से देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश शुरू होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, सामान्य गति से चलते हुए मानसून को 22 से 26 मई तक अंडमान निकोबार द्वीप समूह को पार करते हुए बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ जाना चाहिए था, लेकिन यह उस स्थिति में 31 मई को पहुंचा है। इस तरह से यह सामान्य की तुलना में करीब एक सप्ताह देरी से चल रहा है।

मानसून की गति को देखते हुए अनुमान लगाया गया है कि एक जून को केरल और तमिलनाडु में पांच जून तक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर में मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। 10 जून तक मानसून महाराष्ट्र व तेलंगाना तक पहुंच जाएगा। 15 जून से गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मानसूनी बारिश होने लगेगी। 20 जून से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर तक बारिश होगी। मानसून का यह दौर आठ जुलाई तक जारी रहेगा।

मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर मध्य और ऊपरी क्षोभमंडलीय स्तर पर चक्रवाती प्रवाह बना हुआ है। वहीं, पंजाब के ऊपर क्षोभमंडल के निचले स्तर पर चक्रवात प्रेरित हवाएं चल रही हैं, जिनसे पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उससे सटे पाकिस्तान व मध्य प्रदेश में भी क्षोभमंडल के निचले स्तरों पर चक्रवाती हवाएं चल रहीं हैं। इसके बाद एक जून से एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम में शुरू हो जाएगा, जो मानसून की गति को बरकरार रखेगा।