नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35ए को हटाने के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में पहले विधानसभा चुनाव का इंतजार जारी है। सूत्रों का दावा है कि इस साल जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इस लेकर केंद्र की ओर से मंथन भी शुरू किया जा चुका है। केंद्र सरकार स्थानीय नेताओं और राज्य प्रशासन से चुनाव को लेकर फीडबैक भी ले रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की है। शाह ने अधिकारियों से इस बात को लेकर भी फीडबैक मांगा है कि चुनाव कितनी जल्दी कराई जा सकती है। 
बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव सितंबर और अक्टूबर के बीच में हो सकते है। जम्मू कश्मीर के लिहाज से यह मौसम मतदान के लिए अच्छा रह सकता है। हालांकि सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि अप्रैल में भी चुनाव करने पर विचार हो रहा है। मई में जम्मू में मौसम का फिगर में रहता है। वहीं घाटी में सर्दियों के दौरान चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि माना जा रहा है कि सितंबर-अक्टूबर का महीना चुनाव कराने के लिए काफी उपयुक्त है। पिछले 2 वर्षों से जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर तैयारियां की जा रही है। सूत्रों ने बताया है कि गृह मंत्रालय ने इस बारे में भी रिपोर्ट मांगी है कि क्या जमीनी स्थिति चुनाव कराने के लिए अनुकूल है। 
गृह मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को रोका नहीं जाना चाहिए। लोगों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का अनुभव करना चाहिए। यही हमारे लोकतंत्र की ताकत है। हालांकि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक फिल्में लगातार चुनाव की मांग कर रहे हैं। हालांकि अभी भी जम्मू-कश्मीर में लक्षित हमले का दौर जारी है। पिछले दिनों अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ी बैठक की थी।