नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है  कि भारत आज दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था है।  यह ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है।  रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के कोटा शहर में क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए  ओम बिरला ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था देश के लोगों के योगदान से लगातार मजबूत हो रही है। 
कार्यक्रम में केन्द्रीय वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं।  बिरला ने वित्त मंत्री का देश के नौजवानों महिलाओं किसानों और पशुपालकों को आत्मनिर्भरता के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अभिवादन किया।  
ओम बिरला ने देश के युवा महिला किसान कर्मठ परिश्रमी लोगों के आर्थिक सशक्तिकरण के संदर्भ में कहा कि देश के परिश्रमी लोग आर्थिक रूप से मजबूत होंगे; तो पूरे आर्थिक तंत्र में नई ऊर्जा और ताकत आएगी और देश अधिक सशक्त और समृद्ध बनेगा। 
प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा लाई गई योजनाओं का जिक्र करते हुए ओम बिरला ने कहा कि ऋण के माध्यम से अर्थतंत्र में अंतिम व्यक्ति को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।  उन्होंने कहा कि जब आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकार द्वारा कम दरों पर ऋण उपलब्ध होगा तो वे सम्मान के साथ अपनी आय को बढ़ाकर अपने परिवार की आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकेंगे। 
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं को सरकार द्वारा मिली आर्थिक मदद उनका और सम्पूर्ण समाज का भविष्य संवार सकती है।  उन्होंने कहा कि कोटा-बूंदी क्षेत्र में पूरे साल खाद पानी की उपलब्धता है और जमीन उपजाऊ है जिससे यहां कृषि के साथ पशु पालन भी बड़ी मात्रा में सफल हो सकता है।  उन्होंने कहा कि पशुपालकों को क्रेडिट कार्ड मिलने से वे अपने पशुओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कर सकेंगे और किसान अपनी फसल के साथ-साथ पशु पालन के माध्यम से भी आय अर्जित कर सकेंगे।  आने वाले समय में कोटा-बूंदी क्षेत्र देश में श्वेत क्रांति का नया केंद्र बन सकता है। 
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओम बिरला के लोकसभा के कुशल संचालन की सराहना की।  उन्होंने कहा कि एक नीतिगत निर्णय के तहत बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के आधार पर गरीबों और समाज के वंचित वर्गों को ऋण दिया जाए।  उन्होंने कहा कि बिरला के अथक प्रयासों से कोटा- बूंदी के लोगों को आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण के लिए कई योजनाओं के अंतर्गत 1500 करोड़ रुपये के बैंक लोन मुहैया कराए जाएंगे।