भोपाल । इपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने अपने पासबुक पोर्टल पर कई नए बदलाव किए हैं। नए बदलावों के जरिए कर्मचारी को कई महत्वपूर्ण जानकारिया मिल सकेंगी। पोर्टल पर इपीएफ केल्कुलेटर, इडीएलआइ केल्युकेलटर, पेंशन केल्कुलेटर आदि में विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। इसके साथ ही पासबुक में अब कर्मचारियों का अंशदान 12 प्रतिशत, नियोक्ता का अंशदान 3.67 प्रतिशत एवं पेंशन अंशदान 8.33त्न को अलग अलग दर्शाया जा रहा है, पूर्व में पेंशन की रकम अलग से नहीं दिखती थी।

फॉरगॉट पासवर्ड का विकल्प

अब यूएएन होल्डर्स को पासबुक पोर्टल पर फॉरगॉट पासवर्ड का विकल्प दिया गया है, जिससे वे अपना पासवर्ड बदल सकते हैं। पहले ये पासवर्ड इपीएफओ के मुख्य पोर्टल से ही बदला जा सकता था। पोर्टल पर लॉगिन करने कर यूएएन होल्डर को पीएफ खाते में कुल राशि को अलग-अलग करके ग्राफ के माध्यम से भी दिखाया जा रहा है। कर्मचारी वर्तमान में जिस कंपनी में काम कर रहा है उसका पूरा डेटा जैसे काम शुरू करने की तिथि, सदस्य आईडी, अनुभव के साथ-साथ पुरानी जितनी कंपनियों में कर्मचारी ने काम किया है सभी जानकारी मिल रही है।


इपीएफ केलकुलेटर : कर्मचारियों के लिए पीएफ की केल्कुलशन के लिए इपीएफ केलक्यूलेटर दिया है। इसमें कर्मचारी अपना मासिक वेतन, औसत वृद्धि प्रतिशत में प्रतिवर्ष डालेगा। साथ ही साथ अगर कोई वॉलंटरी कॉन्ट्रिब्यूशन किया है तो उसकी राशि भी डालनी होगी। कर्मचारी की वर्तमान आयु, सेवानिवृत्ति की आयु एवं ब्याज दर डाल कर कुल पीएफ राशि की गणना आसानी से की जा सकती है।


इडीएलआइ केल्क्युलेटर : इडीएलआइ केलकुलेटर का उपयोग कर आसानी से इडीएलआइ की राशि का पता लगा सकते हैं। इसमें एवरेज प्रोग्रेसिव बैलेंस डालना होता है। एवरेज प्रोग्रेसिव बैलेंस से आशय विगत 12 माह के औसत बैलेंस से है। बैलेंस की जानकारी के लिए पासबुक पोर्टल का उपयोग करना होता है। इसके बाद अपडेटेड बैलेंस पर क्लिक करके उपलब्ध राशि को देखा जा सकता है। इसके बाद भाग 1 एवं भाग 2 में जो राशियां गणना के पश्चात आती हैं उनमें से जो राशि ज्यादा होती है वही बेनिफिट कर्मचारी जमा सहबद्ध बीमा लाभ अर्थात इडीएलआइ के अंतर्गत प्राप्त होता है।
पेंशन केल्क्युलेटर : पेंशन केलकुलेटर से पेंशन की गणना करना आसान हो गया है। इसमें सबसे पहले जन्मतिथि डालनी होती है, उसके बाद काम शुरू करने की एवं निकास तिथि डालते है। अगर कोई एनसीपी है तो उन छुट्टी की जानकारी भी भरनी होती है। फिर पेंशन में मिलने वाली राशि डालनी होती है। इसके बाद सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के रूप में मिलने वाली राशि का पता लग जाएगा।