बीजिंग। चीन के कृत्रिम सूर्य ने 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा कर एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। एक्सपेरिमेंटल अडवांस सुपरकंडक्टिंग टोकमाक (ईएएसटी) नाम के इस कृत्रिम सूर्य ने लगभग सात मिनट तक अत्याधिक गर्म, अत्याधिक कंटेंटेड प्लाज्मा बनाया है। इस प्लाज्मा की गर्मी 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस मापी गई। अभी तक इस तरह का प्लाज्मा सिर्फ प्राकृतिक रूप में सूर्य की सतह पर ही पाया जाता था। इससे दुनिया को एक क्लीन एनर्जी का बहुत बड़ा जरिया मिलने की उम्मीद है। चीन की इस उपलब्धि से न केवल जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता घटेगी, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा। यह परियोजना अभी एक्सपेरिमेंटल स्तर पर है, ऐसे में इसमें काफी समय लग सकता है। यह तकनीक वर्तमान परमाणु रिएक्टरों की जगह ले सकती है।
चीन के पूर्व में स्थित हेफेई शहर में बने एक्सपेरिमेंटल अडवांस सुपरकंडक्टिंग टोकमाक ने 403 सेकंड के लिए प्लाज्मा बनाया और उसे बनाए रखा। इस उपलब्धि ने 2017 में स्थापित 101 सेकंड के अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ प्लाज़्मा फिजिक्स के प्रमुख सोंग यूंटाओ ने कहा कि इस नई सफलता का मुख्य महत्व इसके हाई कनफाइनमेंट मोड में निहित है, जो प्लाज्मा के तापमान और घनत्व को काफी बढ़ा देता है। मी‎डिया ‎रिपोर्ट के अनुसार यह प्रयास फ्यूजन रिएक्टरों की तकनीकी और आर्थिक व्यवहार्यता में सुधार के लिए एक ठोस नींव रखेगा। परमाणु संलयन का उपयोग हमारा सूर्य प्रकाश और गर्मी बनाने के लिए करता है। इसे एक सुरक्षित, स्वच्छ और लगभग अनंत ऊर्जा स्रोत के रूप में देखा जाता है। 
चीन के वैज्ञानिक दशकों से हाइड्रोजन परमाणुओं को 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस (180 मिलियन डिग्री फारेनहाइट) से ऊपर गर्म करके कृत्रिम सूर्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं। ईएएसटी का परिचालन 2006 में शुरू किया गया था। वैज्ञानिक इस मशीन के जरिए नियंत्रित परमाणु संलयन की एक सस्ती तकनीक खोजना चाहते हैं। इसके लिए वैज्ञानिकों ने अब तक 120,000 से अधिक परीक्षण किए हैं।