नई दिल्ली । कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर नई जानकारी सामने आई है। अब खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि आंतकी निज्जर की हत्या के लिए आईएसआई ने एक साथ 3 प्लान बनाए थे। आईएसआई ने पहला प्लान बनाया था कि घटना वाले दिन गुरुद्वारे के पास लगातार तीन घंटे तक संदिग्ध गाड़ियों का मूवमेंट चलता रहा। ताकि जैसे ही गुरुद्वारे से बाहर निज्जर निकलता तब उस गोली मार दी जाती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और निज्जर दिन के वक्त गुरुद्वारे से बाहर निकला ही नहीं। फिर सभी संदिग्ध गाड़ियां चली गईं। 
हालांकि आईएसआई का प्लान बी सफल रहा है और जैसे ही पार्किंग लाट में निज्जर आया उसपर हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिससे निज्जर की मौके पर ही मौत हो गई। दरअसल, आईएसआई का प्लान बी भी यही था। खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक हत्याकांड के बाद रात करीब 9:00 बजे सरे में ही वारदात की जगह से थोड़ी दूर पर कार में एक जोरदार धमाका हुआ। ये धमाका इतना तेज था कि पूरी कार के परखच्चे उड़ गए और पूरी तरीके से तबाह हो गई। पार्किंग लॉट से निकलकर निज्जर इसी रूट से जाने वाला था।
निज्जर हत्याकांड पर नजर रख रही खुफिया एजेंसियों का मानना है कि अगर पार्किंग एरिया से निज्जर बच जाता तब इस कार धमाके के जरिए उसकी जान लेने की कोशिश की जाती। आईएसआई किसी भी कीमत पर नहीं चाहती थी खालिस्तानी आतंकी निज्जर बचे और इसके लिए उसकी हत्या के लिए एक साथ 3 प्लान बनाए गए थे। खुफिया एजेंसियों ने बताया कि यह एक टार्गेट किलिंग थी। क्योंकि पार्किंग लॉट में मौजूद हमलावर ने सिर्फ निज्जर पर ही गोली चलाई थी। 
एक और अहम जानकारी आई हैं कि कनाडा के सरे में निज्जर हत्याकांड को लोकल मॉड्यूल ने ही अंजाम दिया था यानी कि लोकल लोगों ने, निज्जर के गढ़ सरे में जहां उसके हजारों समर्थक भारी तादात में हैं। वहां उसके हत्या के लिए हमलावरों को इकट्ठा करना आईएसआई के नापाक मंसूबों का सबूत है, जो किसी भी कीमत पर निज्जर को अपने रास्ते से हटाना चाहते थे। बेशक कनाडा पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। 
मामले के तार 1 साल पहले खालिस्तानी समर्थक और कनाडा एयरबस बांबिंग मामले में बरी हो चुके रिपुदमन सिंह मलिक की हत्याकांड से भी जोड़कर देखा जा रहा है कि कहीं मलिक के समर्थकों का रिश्ता तब हमलावरों से नहीं है। दरअसल हाल के दिनों में ही भारतीय खुफिया एजेंसियों के बढ़ते दबाव के बाद पाकिस्तानी एजेंसियां इस कदर बौखला गई हैं कि वह अपनी सरजमीं पर निष्क्रिय हो चुके आतंकवादियों पर निगाह रख रही हैं और इसतरह के आतंकवादियों को रास्ते से हटाने में जुटी हैं जो उसके लिए आने वाले समय में मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।