अपनी पसंद का सब्जेक्ट पढ़ सकेंगे स्टूडेंट
अब साढ़े तीन साल में पूरी हो जाएगी डिग्री, स्टायपेंड भी होगा दोगुना


भोपाल । चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) सीए की पढ़ाई का सिलेबस एक जुलाई से बदलने जा रहा है। यह बदलाव नई एजुकेशन पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए किया गया है। ऐसे में 7 साल बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट का पाठ्यक्रम बदलेगा। बदले हुए सिलेबस में फाउंडेशन, इंटरमीडिएट व फाइनल के 20 में से केवल 16 लिखित पेपर सेंटर से होंगे। 4 पेपर सेल्फ पेस लर्निंग के जरिए होंगे। इन 4 पेपरों को छात्र देश के किसी भी हिस्से से ऑनलाइन माध्यम से दे सकेंगे। इसके साथ ही सीए की पढ़ाई करने की न्यूनतम समयावधि घटकर 3.5 साल हो गई है, अभी तक साढ़े चार साल का समय लगता था। इसके साथ ही आर्टिकलशिप के दौरान छात्रों को दिया जाने वाला स्टायपेंड भी बढ़ गया है।
नए पाठ्यक्रम के तहत अब छात्र अपनी पसंद के विषय पढ़ सकेंगे। नए बदलाव के अनुसार छात्र पहली बार भारतीय संविधान, टेक्नोलॉजी, साइकोलॉजी, आर्ट ऑफ एडवोकेसी और फिलॉस्फी जैसे विषय फाउंडेशन से फाइनल के बीच पढ़ेंगे। पूर्व में सीए इंटरमीडिएट व फाइनल में अकाउंटिंग के दो पेपर थे, अब एक ही होगा। इसी तरह पहले इंटर और फाइनल में स्टूडेंट कॉस्टिंग पढ़ते थे। अब केवल इंटरमीडिएट में पढ़ेंगे, फाइनल से हटाया जाएगा।

छात्रों का समय बचेगा
सीए आर्टिकलशिप 24 महीने की ही रहेगी। इसमें प्रति माह सिर्फ छुट्टी ही मान्य होगी। इसके साथ ही आर्टिकलशिप के दौरान पढ़ाई भी नहीं करनी पड़ेगी। आइसीएआइ ग्वालियर ब्रांच के सचिव पंकज शर्मा ने बताया कि आइसीएआइ की ओर से किए जा रहे कोर्स के बदलाव से न केवल छात्रों का समय बचेगा बल्कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार नए विषयों का अध्ययन करने से उनको नए क्षेत्रों में एक्सपर्ट बन कार्य करने का अवसर भी प्राप्त होगा। साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स अपनी अहम भूमिका निभाने में सक्षम होंगे।