भोपाल । राजधानी में एक्सपायरी डेट की खतरनाक रसायनों वाली दवाएं नाला-नालियों में फेंकी जा रही है, इससे प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। नाले में कबाड़ी उन दवाओं से बोतल व पानी पानी के लिए उनके अंदर की दवाओं को पानी में खाली कर रहे हैं। यह सब कुछ खुलेआम हो रहा है लेकिन कोई टोकने और रोकने वाला नहीं है। इस बारे में पर्यावरणविद् डा. सुभाष सी पांडेय का कहना है कि दवाओं में कई तरह के केमिकल होते हैं, जो पर्यावरण, उसमें पाए जाने वाले जीव-जंतु, वनस्पति व जल को दूषित कर सकते हैं। इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कल सोमवार को पंड़ित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कालेज के सामने के नाले में दवाएं फेंकी हुई देखी गई जिनकी उपयोग की तारीखें निकल गई है। नजदीक में खुशीलाल आयुर्वेद अस्पताल के होने से यह कहा जाने लगा कि यह दवाएं यहीं उपयोग की जाने वाली हो सकती है लेकिन जब संस्थान के डीन डा. उमेश शुक्ला से पूछा गया कि दवाएं अस्पताल से फेंकी गई है तो उन्होंने कहा कि जिन दवाओं के नाम है, वे अस्पताल से नहीं दी जाती है। फिर भी अस्पताल के सामने की घटना है तो इस संबंध में मंगलवार जांच कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में इस अस्पताल के करीब डैम में दवाओं का जखीरा मिला था।