नई दिल्ली । डायबिटीज और हार्ट की बीमारी सहित कई दवाओं की कीमत अब फिक्सड कर दी गई है। दरअसल दवा मूल्य नियामक राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने 44 वां नई दवाएं फॉर्मूलेशन की खुदरा कीमतें तय की हैं।  बैठक में शामिल एक वरिष्ट अधिकारी ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि डायबिटीज, दर्द, फिवर, इंफेक्शन, हार्ट की बीमारी सहित कई मल्टी विटामिन और डी-3 दवाओं की कीमतें तय कर दी गई है। दवा कंपनी को एक आदेश जारी किया गया है जिसमें  आम नागरिकों से दवा की कीमत और उस पर लगे जीएसटी ही ले सकेगी। वहीं, स्ट्रेस, मिर्गी, डायबिटीज और हल्के माइग्रेन की दवाएं सस्ती होंगी। एनपीपीए ने कहा है कि सिरदर्द, हल्के माइग्रेन, मस्कुलोस्केलेटल दर्द या पीरियड्स में तेज दर्द को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं और इसके साथ ही एसेक्लोफेनाक या बुखार के लिए पेरासिटामोल, सेराटियोपेप्टिडेज की एक गोली की कीमत 8.38 रुपए तय की गई है। वहीं इसके साथ ही टाइप 2 डायबिटीज के मरीज जो दवा का इस्तेमाल करते हैं सीताग्लिप्टिन फॉस्फेट और मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक गोली की कीमत 9 रुपए तय की गई है। मिर्गी की बीमारी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा लेवेतिरसेटम, सोडियम क्लोराइड आसव और स्ट्रेस में दिए जाने वाली दवा पैरोक्सेटाइन या क्लोनाजेपम कैप्सूल की कीमत 0.89 और 14.53 रुपए निर्धारित की गई है। हालांकि  इन सभी दवाओं के अधिकतम खुदरा मूल्य में जीएसटी शुल्क अलग है, इसे कंपनियां ग्राहक से तभी वसूल सकेंगी जब उन्होंने खुद जीएसटी का भुगतान किया हो। वहीं, इसके बावजूद अगर कोई दवा की कंपनी अपनी कीमत नहीं करती है तो उसके खिलाफ जीएसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।