नई दिल्ली ।  केंद्र सरकार पांच राज्यों के चुनाव और लोकसभा के चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए, जल्द ही पेट्रोल और डीजल के दाम घटाने जा रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने इसके लिए विभिन्न मंत्रालयों के बजट से 1 लाख करोड़ रुपए की राशि जुटाई जा रही है। इस राशि से पेट्रोल और डीजल को सस्ता किया जाएगा। सरकार पेट्रोलियम कंपनियों को सब्सिडी देकर पेट्रोल डीजल को सस्ता करेगी, ताकि महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सके।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से राष्ट्र के नाम पर जो संबोधन दिया था। उसमें उन्होंने महंगाई काम करने की प्रतिबद्धता जताई थी। प्रधानमंत्री के निर्देश पर अब 1 लाख करोड़ रूपया का फंड, विभिन्न मंत्रालयों के बजट से कटौती करके पेट्रोल और डीजल की सब्सिडी में देने की योजना, केंद्र सरकार बना रही है।
केंद्र सरकार आम चुनाव से पहले महंगाई नियंत्रित करने के लिए एक्शन में आ गई है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हफ्तों में पेट्रोल की बिक्री पर टैक्स कम करने, खाद्य तेल और गेहूं पर आयात शुल्क कम करने जैसे बड़े फैसले ले सकते हैं। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार के अधिकारी खाद्य और ईंधन की लागत में वृद्धि को रोकने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बजट से करीब एक लाख करोड़ रुपए को फिर से आवंटित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक यह फंड कुल बजट का करीब 2 प्रतिशत है। इसका इस्तेमाल गरीबों के लिए सस्ता कर्ज और घर उपलब्ध कराने में किया जा सकता है। इस हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र के नाम दिए भाषण में 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची महंगाई से लडऩे का ऐलान किया है। हालांकि, सरकार के पास कीमतों पर लगाम कसने के लिए बस कुछ ही महीने बचे हैं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि देश के कई हिस्सों में असामान्य बारिश और बाढ़ के कारण कई घरेलू वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिसमें टमाटर और प्याज जैसी प्रमुख खाद्य सामग्री शामिल है। सरकार ने महंगाई पर अकुंश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। खाद्य जमाखोरों पर कार्रवाई से कीमतें कम होती रहेंगी। 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद, सरकार ने पिछले महीने चावल की कुछ किस्मों के शिपमेंट पर भी रोक लगा दी हरै। साथ ही, कुछ खाद्य पदार्थों के भंडारण पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
सरकार रूस से सस्ती दरों पर गेहूं खरीदने पर बातचीत कर रही है। दरअसल सीमित आपूर्ति के कारण देश में थोक गेहूं की कीमत दो महीनों में 10 प्रतिशत तक बढ़ गई है। भारत को 30 से 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की जरूरत है, पर सरकार दाम पर ज्यादा नियंत्रण रखने के लिए 80 से 90 लाख मीट्रिक टन खरीदी कर सकती है। इससे पहले भारत ने 2017 में 53 लाख मीट्रिक टन गेहूं आयात किया था। इससे गरीबों पर महंगाई के असर का कम करने में मदद मिल सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि रूस ने बाजार की मौजूदा कीमतों पर छूट देने की पेशकश की है। 2,076 से 3,322 रूपए प्रति टन डिस्काउंटेड प्राइस पर भारत गेहूं खरीद सकता है।
देश के 16 राज्यों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के ऊपर है। मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मणिपुर, तेलंगाना, पंजाब, झारखंड, सिक्किम, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के सभी जिलों में पेट्रोल 100 रुपए के ऊपर बिक रहा है। वहीं डीजल भी ओडिशा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 100 रुपए से ऊपर है। एक साल से ज्यादा समय से  पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बदले हैं। आखिरी बार 21 मई 2022 में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव किया गया था। तब पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क घटाया गया था। इससे पेट्रोल और डीजल के दाम 9.5 रुपए और 7 रुपए कम हो गए थे। हालांकि, पिछले महीने 10 जून को पंजाब सरकार ने पेट्रोल वैट दर में करीब 1.08 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इससे वहां पेट्रोल प्रति लीटर 92 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया। जबकि डीजल वैट दर में 1.13 प्रतिशत बढ़ोतरी होने से यह 90 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया। वहीं जुलाई 2022 में, महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वेट में 5 रुपए और 3 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी।