रबात । अफ्रीकी देश मोरक्को में शुक्रवार देर रात आई विनाशकारी भूंकप से अब तक 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। इस विशानकारी भूकंप को पिछले छह दशकों से ज्यादा समय के दौरान मोरक्को में आई भूकंप में सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। भूंकप से मोरक्को में सैकड़ों इमारते नष्ट हो गईं है जिससे मोरक्को के प्रमुख शहरों में निवास करने वाले लोगों को अपना घर छोडऩा पड़ा है। इस विनाशकारी भूकंप से यूनेस्को की हेरिटेज साइट को भी नुकसान पहुंचा है।
मोरक्को के गृह मंत्रालय के मुताबिक, भूकंप से मरने वालों की संख्या 822 हो गई है जबकि 672 अन्य लोग घायल हैं। एक स्थानीय अधिकारी ने कहा है कि ज्यादातर मौतें पहाड़ी इलाकों में हुईं हैं जहां राहत-बचाव के लिए पहुंचना मुश्किल था। शुक्रवार देर रात मोरक्को के हाई एटलस पहाड़ों में आई भूकंप की तीव्रता 7.2 थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप से यूनेस्को की हेरिटेज साइट को भी नुकसान पहुंचा है। मोरक्को के माराकेश के पुराने शहर में स्थित यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल जेमा अल-फना स्क्वायर में एक मस्जिद की मिनार गिर गई। भूकंप के केंद्र मराकेश शहर में रहने वाले एक शहरी ब्राहिम हिम्मी ने एजेंसी को बताया कि भूकंप के चलते कई पुरानी इमारतें ढह गई और उसने पुराने शहर से एक के बाद एक एम्बुलेंस निकलते हुए देखीं। उन्होंने कहा कि लोग डरे हुए हैं और दूसरे भूकंप की आशंका के चलते घरों से बाहर निकल आए हैं। सोशल मीडिया पर भूकंप से जुड़े हैरान करने वाले फोटो और वीडियो शेयर किए जा रहे हैं।
देश के गृह मंत्रालय ने शनिवार तडक़े बताया कि सबसे अधिक नुकसान शहरों और कस्बों के बाहर हुआ है। तलत एन’याकूब शहर के प्रमुख, अब्दर्रहमान ऐत दाउद ने बताया कि अल हौज क्षेत्र के कस्बों में कई घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से ढह गए, कुछ स्थानों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई और सडक़ मार्ग बाधित हो गए। ऐत दाउद ने बताया कि प्राधिकारी प्रांत में सडक़ों को साफ कर रहे हैं, ताकि एंबुलेंस वहां से गुजर सकें और प्रभावित आबादी को सहायता मुहैया कराई जा सके। उन्होंने कहा कि पर्वत पर स्थित गांवों के बीच अत्यधिक दूरी के कारण नुकसान का आकलन करने में समय लगेगा। मोरक्कोवासियों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए हैं, जिनमें इमारतें ढहकर मलबे में बदली दिखाई दे रही हैं और चारों तरफ धूल नजर आ रही है। मोरक्को के ऐतिहासिक शहर मराकेश के चारों ओर बनी प्रसिद्ध लाल दीवारों के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मराकेश यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।