राजस्थान के सिरोही जिले में आबूरोड के तलेटी (दानवाव) में एम्स जोधपुर के अधीन जनजातीय स्वास्थ्य और अनुसंधान केंद्र संचालित हो रहा है। जिसके तहत ड्रीम केयर के पायलट ड्रोन असिस्टेंट मेडिकल केयर का आयोजन हुआ। इसमें एसटीएचआर, आबूरोड सेंटर से उड़ान भरकर वालोरिया ग्राम पंचायत के अरुणवा गांव तक ड्रोन का उपयोग करके स्वास्थ्य सेवा को पहुंचाने का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

केंद्र प्रमुख अन्वेषक डॉ. कुलदीप सिंह, डीन एकेडमिक और विभागाध्यक्ष बाल रोग एम्स जोधपुर, डॉ. प्रदीप द्विवेदी, एडिशनल प्रोफेसर फ़ार्माकोलॉजी, एम्स जोधपुर, प्रोजेक्ट साइंटिस्ट-सी डॉ. राखी द्विवेदी और रिसर्च ऑफिसर डॉ. मुकेश परमार के नेतृत्व में ड्रीम केयर के पायलट ड्रोन असिस्टेंट मेडिकल केयर का आयोजन हुआ। इसमें  एसटीएचआर, आबूरोड सेंटर से उड़ान भरकर वालोरिया ग्राम पंचायत के अरुणवा गांव तक ड्रोन का उपयोग करके स्वास्थ्य सेवा को पहुंचाने का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. नवजीत कपूर ने बताया कि बीते चार साल से जनजातीय कार्यालय मंत्रालय और एम्स जोधपुर साथ मिलकर जनजातीय क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रहे है। इसको लेकर यह प्रयास किया गया है जिसके सफल होने से दूरदराज में बसे लोगों को आपातकालीन परिस्थितियों में तत्काल चिकित्सा मिल सकेगी। जिला कलेक्टर डॉ. भंवरलाल ने एम्स जोधपुर के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए इस सेंटर को अगले 15 साल तक और कार्य के लिए उपलब्ध कराए जाने के लिए जनजातीय कार्यक्रम से अनुशंसा की। अंत में डॉ. प्रदीप ने आगंतुकों का आभार जताया। इस अवसर पर एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. माधवानंदा कर, आबूरोड एसडीएम सिद्धार्थ पालानीचामी, एम्स जोधपुर के डिप्टी डायरेक्टर मनु मनीष गुप्ता, आईआईटी जोधपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जयंत कुमार मोहंता, आबूरोड सीएचसी इंचार्ज डॉ. पीएन गुप्ता, एम्स जोधपुर के न्यूरोसर्जरी विभागध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार झा, ग्लोबल हॉस्पिटल आबूरोड के डायरेक्टर, डॉ. प्रताप मिड्ढा एवं एम्स जोधपुर के एडिशनल प्रोफेसर कम्युनिटी मेडिसिन डॉ. नवीन के एच मौजूद रहे।

एम्स जोधपुर के डीन (अकैडमिक) डॉ. कुलदीपसिंह ने बताया कि इस दौरान दवाइयों से भरा बॉक्स, एसटीएचआर केंद्र आबूरोड से ड्रोन के माध्यम से वालोरिया ग्राम पंचायत अंतर्गत अरूणवा ग्राम के कि केंद्र से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है वहाँ ड्रोन को भेजा गया तथा वहां से कुछ संभावित टीबी रोगियों के बलगम के सैंपल को ड्रोन द्वारा वापस सेंटर भेजे गए। इस पूरी प्रक्रिया में 1 घंटे का समय लगा जो कि रोड द्वारा तय किए गए समय का एक तिहाई से भी कम है। 

रोड से जाने में तय लगता है डेढ़ घंटा

वालोरिया ग्राम पंचायत के अरुणवा तक रोड की व्यवस्था न होने के कारण अरुणवा गांव से आबूरोड तक आने जाने में आने जाने में काम से काम डेढ़ घंटे का समय लग जाता है ,जो कि ड्रोन ने महज में 40 मिनट मे तय किया।