बिजली कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
आज से करेंगे काम बंद आंदोलन, अनिश्चितकालीन हड़ताल की दी चेतावनी
भोपाल । मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच हड़ताल और आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार से बिजली कर्मचारियों का काम बंद आंदोलन शुरू होगा। अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारिया ने आंदोलन की राह पर हैं।
बिजली कर्मचारी उर्जा विभाग की उत्तरवर्ती कंपनियों में निजीकरण नहीं किया जाए, सातवें वेतनमान में बिजली कंपनियों द्वारा परिलक्षित तीन स्टार कलम को तत्काल विलोपित कर ब्रांड का का वेतनमान समान रूप से प्रदान किया जाए समेत सात सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे। बिजली कर्मचारी का कहना है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। आंदोलन मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ सहित अन्य संगठन करने जा रहे हैं।
ज्वाइंट वेन्चर एवं टीबीसीबी वापस लें। पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था, डी. आर. के आदेश, चतुर्थ वेतनमान के आदेश। सातवें वेतनमान में 3 स्टार मैट्रिक्स विलोपित किया जाये। संविदा का नियमितिकरण एवं सुधार उपरांत वर्ष 2023 संविदा नीति लागू करें। आउटसोर्स की वेतन वृद्धि के साथ 20 लाख का दुर्घटना बीमा एवं 3 हजार जोखिम भत्ता करें। कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर मूल वेतन 25300 रुपए से अधिक किया जाए, वर्ष 2018 के बाद के कनिष्ठ अभियन्ताओं की वेतन विसंगति दूर की जाएं। उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियन्ताओं को सहायक अभियंता एवं कर्मचारियों को कनिष्ठ अभियंता की नियुक्ति हेतु नीति बनाई जाये। ट्रांसमिशन में आई. टी. आई. कर्मचारियों को क्लास 4 की जगह क्लास 3 में रखा जाए। अन्य मांगे जैसे सभी वर्गों की वेतन विसंगतियां, अनुकंपा नियुक्ति में मध्यप्रदेश शासन अनुसार नीतियों में सुधार, कैसलेस मेडिक्लेम पॉलिसी, गृह जिले में स्थानांतरण, संगठनात्मक संरचना का पुनर्निरीक्षण एवं अन्य मांग शामिल है।