नई दिल्ली । चंद्रयान 3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद भारत ने इतिहास रच दिया था। इसके साथ चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला भारत पहला देश बन गया। चांद पर सफल लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने अभूतपूर्व कार्य करते हुए कई अहम चीजों को लेकर खुलासे किए हैं। हालांकि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अंधेरा होने के बाद से विक्रम और प्रज्ञान दोनों स्लीप मोड में ही हैं और अब तक सक्रिय नहीं हो सके हैं। बता दें कि दोनों को सितंबर में जब स्लीप मोड में डाला गया था, तब ये माना जा रहा था कि 20-22 सितंबर तक ये जाग जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 
स्लीप मोड में डाले जाने के बाद इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि अंतरिक्ष एजेंसी दोनों के जागने के लिए अंतिम दिन तक इंतजार करेगी क्योंकि एक छोटा सा मौका भी इसरो को विक्रम और प्रज्ञान के जरिए अनुभव दोहराने का अवसर देगा। चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। इसरो ने बताया कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान पर सूरज की रोशनी पड़ रही है। अगर उस रोशनी से चंद्रयान को रिचार्ज किया जा सके तब विक्रम और प्रज्ञान फिर से काम करना शुरू कर दें। लेकिन इसरो की वे उम्मीद पूरी नहीं हुई। 
विक्रम और प्रज्ञान पेलोड से डेटा की मात्रा ज्यादा नहीं होगी लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि काम करने पर जो मिला है उसका निष्कर्ष क्या आएगा। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।