जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में भारतीय डाक विभाग द्वारा आयोजित मेरी माटी, मेरा देश राज्य स्तरीय समारोह में संबोधित करते हुए कहा है कि मेरी माटी, मेरा देश अभियान नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति हैं। उन्होंने कहा कि जिन्हें अपनी मिट्टी से प्यार होता है, वही सार्थक जीवन जीते हैं। उन्होंने इस अभियान के अंतर्गत राजस्थान के प्रत्येक गांव से मिट्टी को कलश में एकत्रित कर राजधानी दिल्ली में बनाई जा रही अमृत वाटिका तक पहुंचाने को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे राजस्थान की संस्कृति की सुगंध और यहां का गौरव राष्ट्र धरोहर में सदा समाया रहेगा।
उन्होंने अभियान के दूसरे चरण के तहत लगभग 45 हजार गांवों से होती हुई ब्लॉक एवं जिला स्तर पर पहुंची अमृत कलश यात्रा के राजधानी जयपुर पहुंचने पर इससे जुड़े सभी लोगों का स्वागत और अभिनंदन करते हुए शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन राष्ट्रीयता के भावों से जन—मन को भरने वाली अभिनव पहल है। उन्होंने राजस्थान में स्थानीय प्रशासन, नेहरू युवा केन्द्र आदि संगठनों द्वारा लगभग सभी गावों में इसके तहत कार्यक्रम आयोजित कर वीरों के सम्मान में स्मारक स्वरूप 11 हजार 814 शिलाफलकम के निर्माण और वहां शहीदों के नाम अंकन कार्य को भी अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा कि मेरी माटी, मेरा देश अभियान इसलिए भी बहुत सार्थक पहल है कि इसके जरिए वसुधा वंदन के अंतर्गत राजस्थान में पौधारोपण की महती पहल हुई है। इससे आने वाले समय में यहां पर्यावरण संरक्षण से सार्थक बदलाव आएगा। राज्यपाल ने आजादी के अमृत महोत्सव पर देश की एकता और अखंडता के साथ संस्कृति का गौरव अनुभव कराने से जुड़े मेरी माटी मेरा देश अभियान के जरिए देश के वीरों को सम्मान प्रदान करने के प्रयासों को भी बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से राष्ट्र के प्रति प्रेम के साथ आम जन अपनी मिट्टी से सीधे तौर पर जुड़ता है। राज्यपाल ने इससे पहले संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया और संविधान प्रदत्त मूल कर्तव्य पढक़र सुनाए। इससे पहले राज्य की मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मेरी माटी मेरा देश अभियान के प्रथम चरण के अंतर्गत बने शिलाफलकम् निर्माण और वीरों के सम्मान के साथ अमृत वाटिकाओं में किए गए पौधारोपण से जुड़े कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।