नई दिल्ली। जग जाहिर है कि पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री चलाता है। आतंकी पैदा करता है और उन्हे पाल पोसकर बड़ा करता है। अब यही पाक के पले बढ़े आतंकी पाकिस्तान के लिए भस्मासुर बन रहे हैं। इसके समाधान का रास्ता खुद पाकिस्तान नहीं निकाल पा रहा है। बढ़ते आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से परेशान होकर पीएम ने अपना दर्द बयां किया है। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने बुधवार को कहा कि 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि हुई है। काकर ने अवैध अप्रवासियों के चल रहे निर्वासन अभियान को आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों से जोड़ा है।
पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने इस्लामाबाद में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की स्थापना के बाद हमें एक मजबूत उम्मीद थी कि अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति होगी, पाकिस्तान-विरोधी समूहों विशेषकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी। मगर दुर्भाग्य से अंतरिम अफगान सरकार की स्थापना के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में 60 प्रतिशत और आत्मघाती हमलों में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो सालों में इस दुखद रक्तपात यानी आतंकी हमलों में 2267 पाकिस्तानी नागरिकों की जान चली गई है, जिसके लिए टीटीपी के आतंकवादी जिम्मेदार हैं जो अफगान धरती का उपयोग करके पाकिस्तानियों पर कायरतापूर्ण हमले कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान आत्मघाती हमलों में शामिल लोगों में 15 अफगानी नागरिक भी शामिल थे। इसके अलावा आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से लड़ते हुए अब तक 64 अफगानी नागरिक मारे गए हैं।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री काकर ने किसी विशिष्ट आतंकी हमले में अफगान नागरिकों की कथित संलिप्तता के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी। उनका यह बयान पिछले सप्ताह के दौरान देश में आतंकी घटनाओं में तेज वृद्धि के बाद आया है, जिसमें तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान ने मियांवाली ट्रेनिंग एयर बेस पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने ग्वादर हमले की जिम्मेदारी ली ती, जबकि डेरा इस्माइल खान में हमलों के लिए किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली।पाकिस्तानी कार्यवाहक पीएम काकर ने याद दिलाया कि उपरोक्त विवरण तालिबान की जानकारी में थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस साल जुलाई में जारी एक निगरानी रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में टीटीपी केंद्रों और पाकिस्तान के खिलाफ इसकी गतिविधियों में वृद्धि का स्पष्ट उल्लेख था। प्रधान मंत्री ने कहा कि टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करने के अफगान सरकार के आश्वासन के बाद भी पाकिस्तान विरोधी समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने अधिक विवरण दिए बिना कहा कि इसके बजाय कुछ उदाहरणों में आतंकवाद को बढ़ावा देने के स्पष्ट सबूत भी सामने आए।