लंदन । ब्रिटेन की मेडिसिंस एंड हेल्थ केयर प्रोडक्ट रेगुलेटरी एजेंसी, जीनोमिक्स इंग्लैंड, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और मिलाज मिरेकल फाउंडेशन मिलकर एक साथ काम कर रहे हैं।ताकि बीमारियों के लिए कस्टमाइज दवाओं का निर्माण किया जा सके। वर्तमान दवा व्यवस्था काफी पुरानी हो चुकी है। बीमारियों और उसके लिए उपयुक्त दवा को लेकर ट्रायल के दो या तीन चरणों पर काम शुरू किया गया है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मैथ्यू वुड के अनुसार कस्टमाइज्ड दवा 1 साल से भी कम समय में तैयार होना शुरू हो जाएगी।
जन्म के साथ ही यदि कोई रोग होते हैं, तो उनका इलाज भी अब संभव हो सकेगा। रियल थैरेपीज प्रोजेक्ट के जरिए नियमन के लिए परीक्षण कर सबूत जुटाए जाएंगे। ब्रेन से जुड़ी 15 जेनेटिक बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा। पायलट प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए सभी एजेंसियां एक साथ मिलकर काम कर रही हैं।