राजगढ़ ।  भोजपुर थाना क्षेत्र में देवउठनी एकादशी के दिन मामा के घर आई नाबालिग बालिका 25 नवंबर से लापता थी। पुलिस में इसकी शिकायत की गई। स्वजनों ने एक युवक पर संदेह भी जताया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 10 दिन बाद भी जब बालिका का कोई पता नहीं चला तो पुजारियों ने चार गांवों के मंदिरों में पूजा-पाठ ही बंद कर दिया। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने गुरुवार को बालिका को बरामद कर आरोपित को अभिरक्षा में ले लिया है।

ये है पूरा मामला

नाबालिग के मामा ने बताया कि भांजी एकादशी के दिन आई थी। छोटा भाई भोजपुर थाने के एक गांव में मंदिर में पूजा पाठ करता है। वह वहीं रुकी थी। उसके गायब होने पर हमने भोजपुर थाने में शिकायत की। एक युवक पर संदेह जताकर उसके समाज से भी उसे संरक्षण न देने की मांग की। इसके बाद भी जब भांजी का पता नहीं चला तो हमने विरोध स्वरूप सेमलापुरा स्थित बाबा रामदेव जी के मंदिर, गोलाखेड़ा स्थित मंदिर, खाजला स्थित राम मंदिर, बाबा रामदेवजी मंदिर, गादिया स्थित हनुमानजी व रामजी के मंदिर और खाजला स्थित मंदिर में पूजन बंद कर दिया था।

घटना के बाद से बालिका के पिता भी संबंधित गांव छोड़कर दूसरे गांव में रहने लगे हैं। पूजन बंद होने का मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस ने गुरुवार को आरोपित के परिजनों को थाने बुला लिया। इसके बाद नाबालिग को बरामद कर आरोपित को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया।

इनका कहना 

हमने नाबालिग बालिका को बरामद कर लिया है। आरोपित को भी तलाश लिया है। जहां तक पूजन बंद होने की बात है तो उन्होंने मर्जी से ऐसा किया होगा, किसी का पुलिस पर कोई दबाव नहीं था।

- धर्मराज मीणा, एसपी