भोपाल । नव निर्वाचित विधायकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कहा कि मेरा मानना है कि कानून सही है तो प्रतिपक्ष को सहयोग करना चाहिए। अगर सही नहीं है तो चर्चा करनी चाहिए। कानून बनाते समय तर्कों से चर्चा करें तो कानून बेहतर बनेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सत्रों की संख्या नहीं घटना चाहिए। पहली बार के विधायकों को ज्यादा बोलने का मौका सदन में मिलना चाहिए। श्रेष्ठ विधायक वही बन सकता है जो पूरे समय सदन में रहे। अगर आपको सिर्फ विधायक बनना है तो आकर चले जाएं और अगर प्रदेश का नेता बनना है तो पूरे समय सदन में रहें। नवनिर्वाचित विधायकों के लिए विधानसभा के मानसरोवर सभागार में प्रबोधन कार्यक्रम दो दिन तक चलेगा। पहली बार निर्वाचित विधायकों को ध्यान में रखते हुए यह प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किया जा है।

जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, मैं सभी विधायकों को बधाई देता हूं। जिनको जनता ने अपेक्षाओं से चुना है। मुझे आशा है वे जनता की अलंक्षाओं को पूरा करेंगे। 16वीं विधानसभा में 69 सदस्य पहली बार चुनकर आए हैं। जो कई बार के विधायक हैं उनके अनुभव का लाभ मिले। लोकतांत्रिक संस्थाओं में परिदृश्य परिवर्तन होता रहता है। इसलिए हमारा प्रयास रहना चाहिए कि जितना अनुभव जनता से प्राप्त करें उसका लाभ विधानसभा के माध्यम से जनता को मिले।

विधानसभा को गौरवशाली इतिहास
उन्होंने कहा कि मप्र की विधानसभा का गौरवशाली इतिहास रहा है। जिन्होंने ने संविधान बनाया उन डॉ. अंबेडकर की ये जन्मस्थली है। झांसी की रानी, पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, अटलजी इसी धरती से आते हैं। हम सबको सौभाग्य मिला कि आप इस गौरवशाली विधानसभा के सदस्य हैं। इस नाते आपकी जिम्मेदारी बन जाती है की आप जनता की अपेक्षाएं पूरी करें।

लोकतंत्र हमारे विचारों में
बिरला ने कहा कि जब हम लोकतंत्र के इतिहास को देखते हैं तो ये हमारे विचारों में हैं। ये आजादी से पहले का है। इसी के माध्यम से समाज मे सामाजिक परिवर्तन किया। लोकतंत्र हमारे विचारों और कार्यप्रणाली में हैं। आजादी के आंदोलन में जन आंदोलन के माध्यम से आजादी प्राप्त की। कई देश ऐसे हैं जिन्होंने कोई संघर्ष नहीं किया कोई बलिदान नहीं दिया। वे देश भी आजाद हुए। लेकिन, हमारे आजादी के आंदोलन ने दुनिया को प्रेरणा दी। इसीलिए हम कहते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।


प्रक्रियाओं से चलना लोकतंत्र की ताकत
दुनिया का ऐसा कोई देश नहीं जिसकी आबादी हमसे आधी हो। जनता जिसको जनादेश देती है तो सहर्ष रूप से हमारे यहां सत्ता का हस्तांतरण होता है। पंचायत से लेकर संसद तक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चलना हमारे लोकतंत्र की ताकत है। 2001 में जब देश के सभी राजनीतिक दल के नेता बैठे और ये चिता व्यक्त की थी कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा गिर रही है। सदन में अच्छी चर्चा बहस होगी तो अच्छा परिणाम आएगा।


प्रश्न बड़ा नहीं होना चाहिए
प्रश्नकाल में विधायक तैयारी से सवाल पूछेंगे तो मंत्री को भी तैयारी से आना पड़ेगा। सवाल ज्यादा लम्बा ना पूछें। मेरा मानना है कि कानून सही है तो प्रतिपक्ष को सहयोग करना चाहिए। अगर सही नहीं है तो चर्चा करनी चाहिए। कानून बनाते समय तर्कों से चर्चा करें तो कानून बेहतर बनेगा।


सदन में कोई अध्यक्ष नहीं चाहता निलंबन
संसद से 141 सदस्यों के निलंबन की कार्यवाही को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न का उत्तर मंगलवार को भोपाल में मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिया। उन्होंने कहा कि कोई अध्यक्ष नहीं चाहता है कि सदस्यों का निलंबन हो पर सदन की गरिमा और मर्यादा को बनाया रखना जरूरी है। सदन नहीं चलने देना है इसलिए नियोजित तरीके से व्यवधान करना लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं है।
घटती बैठकों पर भी चिंता
उन्होंने संसद और विधानसभाओं की घटती बैठकों पर भी चिंता जताई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय समेत मंत्रिमंडल के अधिकतर सदस्य उपस्थित थे।