नागपुर । भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा कि वायुसेना ने पिछले दो से तीन वर्षों में 60 हजार से अधिक कल-पुर्जों को देश में तैयार किया। उन्होंने कहा कि वायुसेना मरम्मत और रखरखाव गतिविधियों के लिए विदेशी ओईएम (मूल उपकरण निर्माताओं) पर भरोसा नहीं कर सकती है और इस देश में ही करना होगा। 
चेन्नई तट के समीप बंगाल की खाड़ी में भारतीय वायु सेना के एक परिवहन विमान के मलबे का पता लगने के बारे में पूछने पर एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से इसमें इतना समय लग गया लेकिन आखिरकार हमें कम से कम गहरे समुद्र में अन्वेषण करने और समुद्र तल में इस तरह की चीजों का पता लगाने की तकनीक मिल गई। उन्होंने कहा, हम इसे सुविधाजनक बनाने और मलबा खोजने में सक्षम होने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बहुत आभारी हैं। यह लंबे अरसे से लंबित दुर्घटना की जांच को समाप्त करेगा।