भोपाल। न्यायालय ने पुलिस की वर्दी पहनकर गोली मारकर हत्या करने वाले तीन आरोपियों को आजीवन कारावास और अर्थदंड सुनाया है। एक दोषी को पांच साल की सजा हुई है। युवक नर्मदा के किनारे नहा रहा था तभी रंजिशन उसे गोली मार दी गई। यह घटना खरगोन जिले की है। यह हत्याकांड छह साल पहले रेत के कारोबार की रंजिश के चलते हुआ था। इसमें आठ आरोपित शामिल थे। अपराध जघन्य सनसनीखेज एवं चिन्हित श्रेणी में रखा गया था। पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि 27 मार्च 2017 को नर्मदा तट के ग्राम पिटामली में रूपसिंह पटेल अपने गांव सेजगांव से नहाने के लिए घाट पर आए थे। इसी दौरान श्रीराम गुर्जर निवासी ग्राम पांडच्या घाटबेड़ी व उसके दो साथी पुलिस की वर्दी पहनकर बाइक से आए। तीनों ने मौका पाकर रूपसिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। इसके बाद उसे जान से खत्म करने की नीयत से चाकू से भी वार किए। हमले में रूपसिंह की मौत हो गई। हत्याकांड को रंजिश के चलते अंजाम दिया गया था। घटना के चश्मदीद साक्षी रामकृष्ण पुत्र नंदराम गाथलीत गुर्जर निवासी ग्राम सेजगांव की रिपोर्ट पर आरोपित श्रीराम व अन्य दो के विरुद्ध पुलिस थाना करही में अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया । प्रकरण में अनुसंधान के दौरान मुख्य आरोपित 42 वर्षीय श्रीराम गुर्जर, जगदीश पुत्र बाबू पटेल निवासी ग्राम सेजगांव, राजेश पुत्र ब्रजेश चाड निवासी चंद्रपुरी कालोनी इंदौर, राजसिंह पुत्र रविसिंह चौहान राजपूत निवासी मयूर नगर इंदौर, दीपक पुत्र कैलाश पंवार निवासी एकता नगर भवानी मंडी जिला झालावाड़ राजस्थान, श्याम पुत्र मोहनलाल पाटील ग्राम दुधिया थाना खुड़ैल जिला इंदौर, गज्जू उर्फ देवेंद्र पुत्र महेन्द्रसिंह शक्तावत प्रताप मोहल्ला जिला देवास व मनोज पुत्र भगतसिंह सिकलीकर ग्राम कालापाठा थाना कांटाफोड़ जिला देवास को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि नर्मदा तट पर बालू रेत के कारोबार को लेकर रूपसिंह पटेल व श्रीराम गुर्जर के परिवारों में कई सालों से रंजिश थी। बताया जाता है कि पूर्व में रूपसिंह के स्वजन ने श्रीराम के स्वजन की हत्या कराई थी। इसे लेकर श्रीराम ने रूपसिंह से बदला लिया। आरोपितों की निशानदेही से खून लगी खाकी वर्दी, कमर बेल्ट, रस्सी डोरी मध्य प्रदेश पुलिस के बैज, घटना कारित करने में प्रयुक्त दो देशी कट्टे व अन्य सामग्री जब्त की गई थी। आरोपितों के विरुद्ध प्रयाप्त साक्ष्य संकलन कर चालान न्यायालय में पेश किया गया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मंडलेश्वर ने प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर दोष सिद्ध होने पर आरोपित श्रीराम, राजेश, राजसिंह को आजीवन कारावास व आठ हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया। जबकि जगदीश पुत्र बाबू पटेल को पांच साल की सजा व दो हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।