तेजपुर।  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  कहा है कि देश अगले तीन साल में नक्सलवाद की समस्या से मुक्त हो जाएगा। अमित शाह  सलोनीबारी में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 60वें स्थापना दिवस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में शामिल एसएसबी ‘‘संस्कृति, इतिहास, भौगोलिक स्थिति और भाषा को बारीकी से एकीकृत करने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को देश के बाकी हिस्सों के करीब लाने में एक अद्वितीय भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि सीमाओं की रक्षा के अलावा, एसएसबी के साथ ही अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों ने छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी रूप से अपना कर्तव्य निभाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगले तीन साल में देश नक्सल समस्या से 100 प्रतिशत मुक्त हो जाएगा। शाह ने गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार म्यांमा सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही को बंद करेगी और बांग्लादेश से लगी सीमा की तरह इसकी सुरक्षा करेगी।
असम पुलिस की पांच नव गठित कमांडो बटालिन के प्रथम बैच की ‘पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र म्यांमा सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही पर पुनर्विचार कर रहा है।
गृहमंत्री ने कहा, ‘‘भारत-म्यांमा सीमा की सुरक्षा बांग्लादेश से लगी सीमा की तरह की जाएगी। भारत सरकार म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही को बंद करेगी। केंद्र सरकार ने कहा था कि वह म्यांमार के साथ 300 किलोमीटर लंबी बिना बाड़ वाली सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवाजाही व्यवस्था को समाप्त करने की योजना बना रही है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर अंदर तक यात्रा करने की अनुमति देती है।
उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर में शांति व विकास लाने का प्रधानमंत्री का मिशन सफल रहा है। सोनितपुर के ढेकियाजुली में ऑल बाथौ महासभा के 13वें त्रिवार्षिक सम्मेलन में शाह ने कहा कि कांग्रेस की नीति ‘‘समस्याओं से ध्यान भटकाने और सत्ता का आनंद लेने की है, जिसके कारण क्षेत्र में और विशेष रूप से बोडोलैंड में हजारों लोगों की मौत हुई।